तमिलनाडु के करूर में अभिनेता विजय की रैली में शनिवार को हुई भगदड़ ने सभी को झकझोर कर रख दिया। मौके पर मौजूद लोगों ने इस भयावह मंजर का अनुभव साझा करते हुए बताया कि भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था। एक चश्मदीद नंद कुमार ने बताया, “हम खुद वहां मौजूद थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ नहीं किया जा सका।” शनिवार को करूर में अभिनेता-राजनेता विजय की रैली में मची भगदड़ में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। कई लोगों ने बताया कि विजय सभा में छह घंटे देरी से पहुंचे थे और भीड़ अनुमान से कहीं अधिक आ गई थी।
नंद कुमार ने कहा कि यह समझना मुश्किल है कि गलती किसकी थी। लोग उम्मीद कर रहे थे कि विजय समय पर आएंगे। कई बच्चे साथ थे, भूखे थे, या मुश्किल हालात का सामना कर रहे थे। हर कोई एक स्टार को देखने के लिए उत्सुक था। उन्होंने आगे कहा कि पर्याप्त सुरक्षा उपाय होने के बावजूद, उम्मीद से दस से पंद्रह गुना ज्यादा लोग आ गए, जिसके कारण यह घटना हुई।
एक अन्य चश्मदीद सूर्या ने बताया कि भगदड़ शुरू होने के कुछ समय बाद लोगों के खड़े होने के लिए और भी कम जगह बची थी, जिससे एम्बुलेंस की आवाजाही में रुकावट पैदा हुई और बचाव में देरी हुई।
एक पिता ने बताया कि वह अपनी 12 साल की बेटी को विजय से मिलने लाए थे। भगदड़ के बाद उन्हें लगा कि उनकी बेटी बस बेहोश हो गई है और ठीक हो जाएगी। लेकिन जब उन्होंने उसे दोबारा देखा, तो वह जा चुकी थी।
नमक्कल की एक महिला, पी. शिवशंकरी ने बताया कि उन्होंने अपने पड़ोसी को भीड़ के आगे बढ़ने पर गिरते हुए देखा। महिला ने कहा कि हमने मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन कोई हिल नहीं सका। लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर पड़े और हम सांस नहीं ले पा रहे थे। अधिकारियों ने भगदड़ के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। तमिलनाडु के करूर-इरोड राजमार्ग पर वेलुसामीपुरम में अभिनेता से राजनेता बने विजय की सभा में भगदड़ तब मची, जब वहां अनुमान से ज्यादा भीड़ आ गई थी। विजय ने जब सभा को संबोधित करना शुरू किया, तो अफरा-तफरी मच गई और उन्हें अपना भाषण रोकना पड़ा।