केरल के अब्दुल मलिक, एक गणित के शिक्षक, हर दिन स्कूल पहुंचने के लिए कदलुंदी नदी को तैरकर पार करते हैं। यह सिलसिला पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से जारी है। मलिक मलप्पुरम जिले के पदिन्जत्तुमुरी गांव के रहने वाले हैं और मुस्लिम लोअर प्राइमरी स्कूल में पढ़ाने जाते हैं। नदी पार करने से उन्हें 12 किलोमीटर की सड़क यात्रा से मुक्ति मिलती है। शिक्षा के प्रति उनकी लगन पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है। वे अपनी किताबें और कपड़े एक प्लास्टिक बैग में रखकर तैरते हुए नदी पार करते हैं और स्कूल पहुंचते हैं। मलिक पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी समर्पित हैं और नदी सफाई अभियान का नेतृत्व करते हैं। 1994 से उन्होंने एक भी छुट्टी नहीं ली है। मलिक अपने छात्रों को भी प्रकृति का सम्मान करना सिखाते हैं और छात्र उन्हें प्यार से ‘ट्यूब मास्टर’ बुलाते हैं। वे नियमित रूप से छात्रों के साथ कडलुंदी नदी में सफाई अभियान चलाते हैं। स्थानीय शिक्षा अधिकारियों ने मलिक के प्रयासों की सराहना की है।
एक शिक्षक की कहानी: 20 सालों से नदी तैरकर स्कूल जाने का जज़्बा
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