उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 में खादी का जादू छाया रहा। खादी ने न केवल भारत की सांस्कृतिक विरासत और आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में अपनी पहचान बनाई, बल्कि फैशन जगत में एक आधुनिक छवि भी स्थापित की।
शानदार फैशन शो में मॉडलों ने खादी के परिधानों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की, जिसमें पारंपरिक शिल्प कौशल और आधुनिक डिजाइन का अनूठा मिश्रण देखने को मिला। इसने प्रदर्शित किया कि खादी ‘ट्रेडिशन टू ट्रेंड’ की यात्रा पूरी कर चुकी है और अब वैश्विक फैशन का एक अभिन्न अंग बन रही है।
योगी सरकार खादी को सिर्फ वस्त्र तक सीमित नहीं मानती, बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत और पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली का एक मजबूत आधार मानती है। यह ट्रेड शो में भी स्पष्ट दिखा। योगी सरकार की ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ODOP) योजना और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना ने हजारों बुनकरों और कारीगरों को सीधा लाभ पहुंचाया है। सरकार का लक्ष्य है कि खादी को स्थानीय से वैश्विक स्तर तक एक मजबूत ब्रांड बनाकर उत्तर प्रदेश को हैंडलूम हब के रूप में स्थापित किया जाए।
राज्य में खादी उत्पादों की खपत लगातार बढ़ रही है। युवाओं में टिकाऊ फैशन के प्रति बढ़ती जागरूकता ने खादी को आधुनिक जीवनशैली का हिस्सा बना दिया है। यही कारण है कि आज खादी को ‘फैब्रिक ऑफ फ्यूचर’ कहा जाने लगा है।
यूपीआईटीएस 2025 में खादी की प्रस्तुति से स्पष्ट हो गया कि उत्तर प्रदेश न केवल अपनी परंपराओं को संरक्षित कर रहा है, बल्कि भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्हें वैश्विक मंच पर भी स्थापित कर रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि सरकार का प्रयास है कि खादी को केवल एक कपड़े के रूप में नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता, शिल्प कौशल और सतत विकास के प्रतीक के रूप में विश्व के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। उत्तर प्रदेश ने खादी को वैश्विक फैशन जगत में उतारकर यह दिखाया है कि स्थानीय शिल्प और आत्मनिर्भरता से भी अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई जा सकती है।