कर्नाटक के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना को मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं पर राहुल गांधी के रुख से अलग राय रखने के बाद मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया। उन्होंने मतदाता सूची में हुई गड़बड़ियों पर सवाल उठाए थे, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी में नाराजगी थी। राजन्ना ने कहा था कि महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में जो अनियमितताएं थीं, वो कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई थीं, जबकि राहुल गांधी ने इसे वोट चोरी करार दिया। इस बयान के बाद उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने उनकी आलोचना की, जिसके बाद माना जा रहा है कि कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राजन्ना को हटाने का निर्देश दिया।
राजन्ना ने कहा था कि जब हमारी ही सरकार थी तब मतदाता सूची में संशोधन किया गया था, तब पार्टी ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया? उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब यह सब हमारी नाक के नीचे हो रहा था, तो पार्टी ने इसकी जिम्मेदारी क्यों नहीं ली? राजन्ना, जो मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के करीबी माने जाते हैं, 1998 में पहली बार कर्नाटक विधान परिषद के सदस्य बने और बाद में मधुगिरी सीट से विधायक चुने गए। वह 2013 और 2023 में भी चुनाव जीते। राजन्ना ने बीएससी और एलएलबी की डिग्री हासिल की है और सहकारी आंदोलन में उनकी सक्रिय भूमिका रही है।