
मद्रास हाईकोर्ट ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के असिस्टेंट डायरेक्टर विकास कुमार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस फिल्म निर्माता आकाश भास्करन की ओर से दायर अवमानना याचिका पर जारी किया गया है। आकाश भास्करन का आरोप है कि हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर के बावजूद एजेंसी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच जारी रखी। जस्टिस एम.एस. रमेश और वी. लक्ष्मीनारायणन की खंडपीठ ने ईडी से इस याचिका पर जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को तय की है। भास्करन ने अदालत को बताया कि कोर्ट के स्टे के बाद भी असिस्टेंट डायरेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। मई 2025 में, ईडी ने आकाश भास्करन और उनके सहयोगी विक्रम रविंद्रन के ठिकानों पर छापे मारे थे और कई चीजें जब्त की थीं। यह कार्रवाई तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन (TASMAC) से जुड़े कथित ₹1,000 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग घोटाले के सिलसिले में की गई थी। ईडी ने उनके घरों और दफ्तरों को भी सील कर दिया था। भास्करन और रविंद्रन ने इस कार्रवाई को मद्रास हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें दलील दी गई थी कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत ऐसी सीलिंग की कोई कानूनी अनुमति नहीं है। 20 जून को हाईकोर्ट ने ईडी की सभी आगे की कार्यवाही पर रोक लगा दी, जब्त की गई सामग्रियों को तुरंत लौटाने और परिसरों को अनसील करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सबूतों की कमी को देखते हुए एजेंसी की कार्रवाई ‘पूरी तरह अधिकार क्षेत्र से बाहर’ थी। अगस्त 2025 में, हाईकोर्ट ने भास्करन की तीन याचिकाओं में समय पर काउंटर-एफिडेविट दाखिल न करने पर ईडी पर कुल ₹30,000 का जुर्माना भी लगाया था।






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