2008 मालेगांव बम धमाका मामले में पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट तैयार हो गया है। जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि जमीयत इस मुकदमे की पूरी गंभीरता से पैरवी करेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।
गुरुवार को जारी एक बयान में, मौलाना अरशद मदनी ने बताया कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने मालेगांव 2008 बम धमाका पीड़ितों की ओर से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित सहित सभी 7 आरोपियों और एनआईए (NIA) को नोटिस जारी किया है।
मौलाना मदनी ने सोशल मीडिया पर कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से इंसाफ के लिए देश के नामी क्रिमिनल वकील मालेगांव 2008 बम धमाका मुकदमे की पैरवी करेंगे। उन्होंने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई स्वीकार करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल पुरोहित सहित सभी आरोपियों और NIA को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई 6 हफ्ते बाद होगी।
मौलाना मदनी ने यह भी कहा कि विशेष NIA अदालत ने जुलाई 2025 में सबूतों की कमी के आधार पर सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। अब बम धमाका पीड़ित जमीयत उलमा-ए-हिंद की कानूनी मदद से एक बार फिर हाईकोर्ट में इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीड़ितों ने जमीयत पर पूरा भरोसा जताया और उनकी ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की अनुमति दी गई। भविष्य में इस मामले की सुनवाई के दौरान देश के नामी क्रिमिनल वकीलों की सेवाएं ली जाएंगी और हाईकोर्ट में पूरी गंभीरता से मुकदमे की पैरवी की जाएगी।