मेरठ से सामने आए एक सड़क-क्रोध (रोड रेज) के मामले ने सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी हैं। एक वायरल वीडियो में भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विकुल छपराणा अपने साथियों के साथ दो युवकों को धमकाते और उनकी कार के शीशे तोड़ते नजर आ रहे थे। इस घटना में भाजपा नेता पर पीड़ितों से दुर्व्यवहार करने और एक को सड़क पर नाक रगड़ने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया था। वीडियो के वायरल होने के बाद, उत्तर प्रदेश कांग्रेस और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे साझा करते हुए मोदी सरकार और प्रदेश प्रशासन पर ‘अहंकार में अंधी’ होने और आम नागरिकों के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने ट्वीट किया, “विकुल छपराणा ने यूपी पुलिस के सामने पूरा हंगामा खड़ा कर दिया, अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और अपना दबदबा साबित करने के लिए प्रभावशाली लोगों के नाम लिए। यह भाजपा का असली चेहरा है – जहां नेता खुद को राजा समझते हैं और आम नागरिकों को कीड़े-मकोड़े की तरह मानते हैं।” पार्टी ने भाजपा नेता के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
हालांकि, घटना के प्रत्यक्षदर्शियों, स्थानीय दुकानदारों ने इस वायरल पोस्ट से अलग कहानी बयां की है। दुकानदारों के अनुसार, यह पूरा विवाद पीड़ित सत्यम रस्तोगी द्वारा भाजपा नेता को गाली देने से शुरू हुआ था। एक दुकानदार ने बताया, “वह नशे में था और ठीक से चल भी नहीं पा रहा था। उसकी कार भाजपा नेता की गाड़ी के पास खड़ी थी। उसने भाजपा नेता को गालियां देना शुरू कर दिया और धमकी दी कि अगर उन्होंने कार नहीं हटाई तो वह उसमें टक्कर मार देगा। इसके बाद उसने भाजपा नेता की कार पर मुक्का मारा, जिससे मामला बढ़ गया।”
एक अन्य चश्मदीद गवाह ने बताया कि सत्यम रस्तोगी पास की दुकान पर खाना खाने आया था और नशे में लग रहा था। “यह झगड़ा तब शुरू हुआ जब रस्तोगी ने भाजपा नेता को चिल्लाना और गालियां देना शुरू कर दिया।”
पुलिस के अनुसार, यह घटना 19 अक्टूबर की रात मेरठ के थाना मेडिकल क्षेत्र के तेजगढ़ी इलाके में हुई थी। पुलिस अधीक्षक (शहर) आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि यह विवाद पार्किंग को लेकर हुआ था। थाना प्रभारी (एसएचओ) अखिलेश कुमार ने पुष्टि की है कि पीड़ित सत्यम रस्तोगी के भाई आदित्य रस्तोगी की ओर से शिकायत दर्ज की गई है और आगे की जांच जारी है।






