राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत मध्यप्रदेश के सतना पहुंचे, जहां उन्होंने बाबा सिंधी कैंप में मेहर शाह दरबार के नए भवन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर, उन्होंने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब एक हैं, सभी सनातनी और हिंदू हैं। भागवत ने जोर देकर कहा कि हमारे बीच अंग्रेजों ने फूट डाली थी।
उन्होंने कहा कि हम आज खुद को अलग-अलग मानते हैं, लेकिन चाहे हम किसी भी धर्म या भाषा से जुड़े हों, सच्चाई यह है कि हम सब एक हैं, हिंदू हैं। चालाक अंग्रेजों ने हम पर राज किया, हमारी आध्यात्मिक चेतना को छीना और हमें भौतिक वस्तुएं दीं। तभी से हम एक दूसरे से अलग होते गए।
भागवत ने आगे कहा कि आज, हमें एक दर्पण में देखकर एक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आध्यात्मिक परंपरा को देखना होगा, जिसके माध्यम से हम एक दिखेंगे। उन्होंने जोर दिया कि यह एकता हमारे गुरुओं द्वारा दिखाई जाती है, और हमें अपने अहंकार को त्यागकर स्वयं को देखना चाहिए, जिससे समाज में बदलाव आएगा। भाषा, वेशभूषा, भजन, भोजन, भवन, और भ्रमण हमें अपना ही चाहिए, और हमें आज से ही इसे अपनाना होगा।
भागवत ने कहा, “एक दिन हम अपना हक वापस लेंगे।” उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कुछ लोग खुद को हिंदू नहीं मानते, फिर भी दुनिया उन्हें हिंदू कहती है, जो उन्हें आश्चर्यचकित करता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि नई पीढ़ी को इस पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा दूसरा घर है, जहां हमारा सामान और जगह दूसरों ने ले ली थी, लेकिन एक दिन, हम उन्हें वापस ले लेंगे क्योंकि वे हमारे हक के हैं।
नागपुर में भी, संघ प्रमुख ने एकता का संदेश दिया था। उन्होंने विजयादशमी पर कहा था कि भारत को फिर से अपनी मूल पहचान पर स्थापित करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक चले विदेशी आक्रमणों के कारण हमारी स्वदेशी प्रणालियां नष्ट हो गई थीं, जिन्हें अब समाज और शिक्षा प्रणाली के भीतर दोबारा स्थापित करने की आवश्यकता है। डॉ. भागवत ने कहा कि हमें ऐसे व्यक्तियों को तैयार करना होगा जो इस कार्य को कर सकें, जिसके लिए मन, वाणी और कर्म में बदलाव लाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संघ की शाखा ही एक मजबूत व्यवस्था है जो यह कार्य कर रही है।