बिहार में चुनावी सरगर्मी के बीच मोकामा के कद्दावर नेता दुलारचंद यादव की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक समय लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार, दोनों के करीब रहे दुलारचंद की पटना जिले के मोकामा विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान एसयूवी (SUV) से कुचलकर निर्मम हत्या कर दी गई। पुलिस ने इस मामले में गैंगस्टर से नेता बने अनंत सिंह को गिरफ्तार किया है, लेकिन हत्या के पीछे की असली कहानी अभी भी गहराती जा रही है और कई तरह की साजिश की थ्योरी सामने आ रही हैं।
कुछ लोग सीधे तौर पर अनंत सिंह को इस हत्या के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, जबकि कुछ की उंगलियां सूरजभान सिंह की ओर उठ रही हैं। हैरानी की बात यह है कि कुछ लोग उस उम्मीदवार पियूष प्रियदर्शी का भी नाम ले रहे हैं, जिसके लिए मृतक दुलारचंद यादव चुनाव प्रचार कर रहे थे। पुलिस जांच से कहीं तेज तो इन अफवाहों और षड्यंत्र की थ्योरी का शोर है।
मोकामा का यह इलाका राजनीति और बाहुबल के गठजोड़ के लिए जाना जाता है। इस बार के चुनाव में अनंत सिंह जदयू (JDU) के टिकट पर मैदान में हैं। वहीं, राजद (RJD) ने सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है। पियूष प्रियदर्शी जन सुराज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं।
दुलारचंद यादव मोकामा के ताल क्षेत्र में एक दबंग नेता थे, जिनका यादव समुदाय में गहरा प्रभाव था। चार साल पहले तक लालू यादव के करीबी माने जाने वाले दुलारचंद के पास एक फ्लैट, गाड़ी और कई बाजारों पर नियंत्रण था। इस बार उन्होंने जन सुराज का दामन थामा था, जो उनकी हत्या को और अधिक राजनीतिक रंग दे रहा है। 30 अक्टूबर को हुई इस घटना की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बताती है कि उनकी छाती कुचली गई थी और दोनों फेफड़े फट गए थे।
**अनंत सिंह पर शक की सुई क्यों?**
मृत्यु से कुछ दिन पहले, दुलारचंद कथित तौर पर अनंत सिंह को उकसा रहे थे और उनकी पत्नी व मोकामा की मौजूदा विधायक नीलम देवी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रहे थे। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने अनंत सिंह की एक आंख खराब होने पर भी ताना मारा था। ये बातें तेजी से फैलीं और माना जा रहा है कि अनंत सिंह ने इसे व्यक्तिगत अपमान माना।
दुलारचंद के पोते राजेश ने पुलिस में दर्ज एफआईआर (FIR) में अनंत सिंह पर हमले का नेतृत्व करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि अनंत सिंह अपनी महिंद्रा थार (Mahindra Thar) से उतरे, दुलारचंद को पैर में गोली मारी और फिर गाड़ी से कुचल दिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने गोलियों की आवाज सुनने का दावा किया है। एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि अनंत सिंह ने दुलारचंद के टखने पर गोली चलाई, जिसके बाद उनके एक साथी ने लोहे की रॉड से मारा और एसयूवी ने उन्हें कुचल दिया। तब से, मोकामा में यह चर्चा जोरों पर है कि यह हत्या बदला लेने के इरादे से की गई थी, लेकिन सच्चाई अभी भी जांच फाइलों में छिपी है।
**सूरजभान सिंह और यादव वोट बैंक की चिंता**
एक दूसरी थ्योरी यह बताती है कि सूरजभान सिंह को यादव वोट बैंक खोने का डर था। दुलारचंद यादव समुदाय में काफी लोकप्रिय थे और चुनाव के दौरान लोग उनकी बात मानते थे। मोकामा के लोग मानते हैं कि पूर्व विधायक सूरजभान को चिंता थी कि यदि ये वोट जन सुराज की ओर चले गए, तो उनकी पत्नी वीणा देवी की जीत की राह मुश्किल हो जाएगी। कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि राजद के वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए दुलारचंद को रास्ते से हटाया गया। अनंत सिंह ने भी दावा किया है कि यह हत्या सूरजभान सिंह की चाल थी, और दुलारचंद उनके संरक्षण में रह रहे थे। सूरजभान सिंह ने आरोपों से इनकार किया है और सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराने की मांग की है।
**पियूष प्रियदर्शी की राजनीतिक चाल?**
तीसरा पक्ष पियूष प्रियदर्शी को संदेह के घेरे में लाता है। घटना के दो दिन बाद भी पुलिस यह पुष्टि नहीं कर पाई थी कि यह हत्या थी या हादसा। लेकिन जन सुराज के उम्मीदवार पियूष ने पहले दिन से ही कहा कि दुलारचंद की हत्या प्रतिद्वंद्वियों ने की है। उन्होंने समर्थकों से कहा कि दुलारचंद की दिनदहाड़े हत्या हुई है और वे इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे। हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने कार से कुचले जाने का मंजर देखा, तो उन्होंने ‘नहीं’ कहा।
बाद में एक वीडियो सामने आया जिसमें दुलारचंद एक झड़प के दौरान पत्थर फेंकते दिख रहे हैं। जैसे ही भगदड़ मची, लोग भागने लगे। कुछ का दावा है कि दुलारचंद फिसल कर गिर गए। वहीं, दूसरों का कहना है कि गलती से पियूष की अपनी कार ने उन्हें टक्कर मार दी, और हत्या का दावा अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए किया गया।
फिलहाल, सच्चाई शोरगुल में खो गई है। मोकामा के हर चाय की टपरी पर अपनी कहानी और एक नई फुसफुसाहट है। आरोपों और इनकार के बीच, वह सवाल जिसका जवाब अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं मिला है, वह यह है: दुलारचंद यादव को आखिर किसने मारा?






