केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग को नियंत्रित करने के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसका नाम ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक है। विधेयक में धन से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग या इसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है, साथ ही उल्लंघन करने वालों के लिए कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। विधेयक ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेम्स को बढ़ावा देने का आह्वान करता है। यदि कोई व्यक्ति निर्धारित नियमों का उल्लंघन करके ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा प्रदान करता है, तो उसे तीन साल तक की कैद या एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। विज्ञापन देने वालों के लिए भी दो साल तक की कैद या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। इस विधेयक का उद्देश्य ऑनलाइन सोशल गेम्स और ई-स्पोर्ट्स को बढ़ावा देना और जनहित में धन से जुड़ी ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाना है।
ड्रीम11, गेम्स24×7, विंजो, गेम्सक्राफ्ट, 99गेम्स, खेलोफैंटेसी और माई11सर्कल जैसे प्रमुख खिलाड़ी अब अस्तित्व के संकट से जूझ रहे हैं। भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार वर्तमान में 3.7 अरब डॉलर का है और 2029 तक इसके 9.1 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। अखिल भारतीय गेमिंग महासंघ (एआईजीएफ) ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है, चेतावनी दी है कि पूर्ण प्रतिबंध से इस क्षेत्र को नुकसान होगा।
2024 में भारतीय गेमिंग बाजार का आकार 31,938 करोड़ रुपये है, जिसमें रियल मनी गेमिंग (RMG) का बड़ा योगदान है। 2024 में RMG से ही कुल राजस्व का लगभग 85.7% आने का अनुमान है। 45 करोड़ से ज्यादा भारतीय ऑनलाइन गेम खेलते हैं। इस क्षेत्र का वर्तमान मूल्यांकन 25 अरब डॉलर है और यह सालाना 25,000 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स का योगदान देता है। ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर में 2 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। प्रतिबंध के बाद सरकार को सालाना 20 हजार करोड़ का टैक्स घाटा हो सकता है। देश में 1100 से ज्यादा गेमिंग कंपनियां हैं, जिनमें 400 से ज्यादा स्टार्टअप हैं। HP की गेमिंग लैंडस्केप स्टडी 2023 में सामने आया है कि 58 प्रतिशत महिलाएं हर हफ्ते 12 घंटे तक गेमिंग पर समय बिताती हैं।