जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया, जिसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ। उत्तरी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने बताया कि 7-10 मई के बीच भारतीय सेना ने पाकिस्तान की ओर से संघर्ष विराम के उल्लंघन का जवाब देते हुए नियंत्रण रेखा पार 30,000 से अधिक तोप और मोर्टार गोले दागे, साथ ही 3 लाख से अधिक छोटे हथियारों से हमले किए।
लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा दागे गए हर राउंड का जवाब भारत ने कम से कम तीन से चार राउंड से दिया। उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले से पहले पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर पर आतंकवादियों और उनकी सेना को भड़काने का आरोप लगाया, जिसके कारण भारत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू करना पड़ा।
भारतीय वायु सेना के उप-प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान 50 से भी कम मिसाइलों के इस्तेमाल से पाकिस्तान के हवाई ठिकानों और रडार स्थलों को निशाना बनाया गया, जिसके बाद पाकिस्तान युद्धविराम की अपील करने पर मजबूर हो गया। उन्होंने कहा कि 50 से कम हथियारों का उपयोग करके संघर्ष को समाप्त करना एक बड़ी सफलता थी। वायु सेना ने इस दौरान ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों, क्रिस्टल मेज-2, रैम्पेज और स्कैल्प मिसाइलों का इस्तेमाल किया। इन हमलों का निशाना पाकिस्तान के हवाई अड्डे, रडार साइटें और परमाणु प्रतिष्ठानों के पास मौजूद ठिकाने थे।
दोनों अधिकारियों ने कहा कि राजनीतिक निर्देश स्पष्ट थे: दंडात्मक हमले करने हैं, जिनमें न्यूनतम नुकसान हो, हालात बिगड़ने की आशंका को ध्यान में रखा जाए और पाकिस्तान सेना के दिमाग में एक निवारक संदेश बनाया जाए। इसके लिए सशस्त्र बलों को पूरी तरह से ऑपरेशनल स्वतंत्रता दी गई थी। लेफ्टिनेंट-जनरल शर्मा ने कहा कि पहलगाम नरसंहार मुनीर के 16 अप्रैल को दिए गए एक उत्तेजक भाषण के बाद हुआ था, जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की ‘शिरा-धारा’ बताया था।
गौरतलब है कि अप्रैल में पहलगाम में हुए हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिसके बाद भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया और पाक के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद 10 मई को दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ।