केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों या मंत्रियों को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर पद से हटाने का प्रावधान करने के लिए संसद में विधेयक पेश करने की योजना पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी दलों ने इस विधेयक को मनमाना और विपक्ष को अस्थिर करने की साजिश बताया है। टीएमसी सांसद महुआ ने आरोप लगाया कि बीजेपी 240 सीटों के साथ संविधान में बदलाव कर रही है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी सरकार विपक्षी मुख्यमंत्रियों को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से गिरफ्तार करवाकर पद से हटाना चाहती है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने इस कदम को ‘अनियंत्रित और अनुचित’ बताया है। उन्होंने कहा कि यह विपक्षी नेताओं को अस्थिर करने का प्रयास है।
विधेयक में केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 शामिल हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को संसद की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव दिया है।
कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा कि सरकार चुनाव में हराने में नाकाम रहने के बाद मुख्यमंत्रियों को हटाने के लिए कानून लाना चाहती है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि बीजेपी 240 सांसदों के साथ संविधान बदल रही है, जो संघीय ढांचे और न्यायपालिका दोनों को दरकिनार करता है।
कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने भी इस विधेयक की आलोचना की और कहा कि यह बिहार में राहुल गांधी की ‘वोट अधिकार यात्रा’ से ध्यान भटकाने का प्रयास है।