पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर (PoK) में आतंक के नेटवर्क को फिर से सक्रिय करने की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। ख़ुफ़िया जानकारी के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के गुट को ‘मुनीर’ नामक हैंडलर के इशारे पर फिर से खड़ा किया जा रहा है। ऐसी रिपोर्टें सामने आ रही हैं कि यह गुट जम्मू और कश्मीर में पुलवामा जैसे बड़े हमले दोहराने की योजना बना रहा है।
हाल ही में, PoK के मुज़फ्फराबाद और भीमबर में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और तहरीक-उल-मुजाहिदीन के कमांडरों की गुप्त बैठकें हुई हैं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को फिर से शुरू करना और सीमा पार घुसपैठ को आसान बनाना था।
आतंकवादी गतिविधियों में महिलाओं की भर्ती एक चिंताजनक नया मोड़ है। ख़ुफ़िया एजेंसियों ने कराची में होने वाली एक भर्ती बैठक के लिए उर्दू में छपे निमंत्रण पत्र को भी इंटरसेप्ट किया है। इस निमंत्रण में ‘इस्लाम की सभी बेटियों’ से भाग लेने का आग्रह किया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर को ‘मुख्य अतिथि’ के रूप में संबोधित किया गया है।
ख़बरों के अनुसार, मसूद अजहर की बहन, सईद अजहर, को महिलाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षित और दीक्षित करने का जिम्मा सौंपा गया है। इस कार्यक्रम का फोकस एक “महिला फिदायीन फोर्स” तैयार करने पर है, जिसमें कमजोर महिलाओं को चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित कर आत्मघाती हमलों के लिए इस्तेमाल करने की योजना है।
साथ ही, ‘मुनीर’ द्वारा PoK में पहले से निष्क्रिय पड़े आतंकी शिविरों को फिर से सक्रिय किया गया है। पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT) को भी पूरे क्षेत्र में फिर से तैनात कर दिया गया है, जो भारत में आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद करने का एक संकेत है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ये गतिविधियां सीमा पार आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान के निरंतर समर्थन को दर्शाती हैं। पिछली जवाबी आतंकवादी कार्रवाइयों के बावजूद, इस्लामाबाद आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के बजाय उन्हें बनाए रखने के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा कर रहा है।
नई दिल्ली में अधिकारी इस स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। उन्हें डर है कि इन शिविरों का पुनरुद्धार और भर्ती अभियान आने वाले महीनों में जम्मू और कश्मीर को अस्थिर करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा हो सकता है।





