सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग पर लगाए गए आरोपों को लेकर एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान बेंगलुरु मध्य निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची में हेरफेर के संबंध में राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की गई है। याचिका में, वकील रोहित पांडे ने राहुल गांधी की 7 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने वोट चोरी पर चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाए थे। याचिकाकर्ता ने अदालत से मतदाता सूचियों का स्वतंत्र ऑडिट पूरा होने तक उनमें कोई संशोधन या अंतिम रूप देने से रोकने का निर्देश देने का भी आग्रह किया है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने मतदाता सूची की तैयारी, रखरखाव और प्रकाशन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट नियम बनाने की मांग की, जिसमें डुप्लिकेट और फर्जी नामों का पता लगाना और उन्हें रोकना शामिल हो। उन्होंने मतदाता सूचियों को सुलभ, मशीन-पठनीय और ओसीआर के अनुरूप प्रकाशित करने की भी मांग की ताकि सत्यापन और सार्वजनिक जांच संभव हो सके। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच में, कई ऐसे सबूत मिले हैं जो वैध वोटों को कम करने और उनमें हेरा-फेरी करने के प्रयासों को दर्शाते हैं।
वोटर लिस्ट में हेरफेर के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
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