प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर देश के रेल नेटवर्क को एक महत्वपूर्ण बढ़ावा दिया है। बनारस रेलवे स्टेशन से इन ट्रेनों को रवाना करते हुए, पीएम मोदी ने दुनिया स्तरीय उच्च गति कनेक्टिविटी प्रदान करने के अपने दृष्टिकोण को दोहराया। ये नई सेवाएं भारत के आधुनिक रेल बुनियादी ढांचे के विस्तार में एक और मील का पत्थर साबित होंगी।
**चार नई रेलगाड़ियां, चार नए मार्ग:**
ये चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें बनारस-खजुराहो, लखनऊ-सहारनपुर, फिरोजपुर-दिल्ली और एर्नाकुलम-बेंगलुरु मार्गों पर चलेंगी। इन ट्रेनों का उद्देश्य यात्रा के समय को काफी कम करना और यात्रियों के आराम को बढ़ाना है। इनसे क्षेत्रीय गतिशीलता में सुधार होगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी संबल मिलेगा।
**बुनियादी ढांचा विकास का उत्प्रेरक:**
चार नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद, पीएम मोदी ने राष्ट्र की प्रगति में बुनियादी ढांचे की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस ‘विकास के उत्सव’ के लिए लोगों को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक स्तर पर देशों का आर्थिक विकास हमेशा से ही बुनियादी ढांचे में प्रगति से जुड़ा रहा है। उन्होंने समझाया कि किसी भी शहर का विकास बेहतर कनेक्टिविटी से ही संभव होता है। बुनियादी ढांचा केवल बड़े पुलों और राजमार्गों से कहीं बढ़कर है; यह लोगों और माल की आवाजाही को सुगम बनाने वाली पूरी प्रणाली है।
**तीर्थयात्रा, अर्थव्यवस्था और वंदे भारत:**
प्रधानमंत्री ने देश भर में 160 से अधिक वंदे भारत ट्रेनों के बढ़ते नेटवर्क पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वंदे भारत, नमो भारत और अमृत भारत जैसी ट्रेनें भारतीय रेलवे की नई पीढ़ी की नींव रख रही हैं, जिससे कनेक्टिविटी और यात्री अनुभव में काफी सुधार हो रहा है। भारत में तीर्थयात्राओं के आध्यात्मिक और आर्थिक महत्व पर जोर देते हुए, मोदी ने याद दिलाया कि तीर्थयात्राएं राष्ट्र की चेतना को जगाने का एक साधन रही हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश का उदाहरण देते हुए बताया कि पिछले 11 वर्षों में हुए विकास कार्यों ने राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल ही 11 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए और 6 करोड़ से अधिक ने राम लल्ला के दर्शन किए, जिनसे राज्य को हजारों करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ हुआ।
**नए मार्गों पर विशेष:**
* **बनारस-खजुराहो:** यह ट्रेन वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो जैसे प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों को जोड़ेगी। इससे यात्रा का समय लगभग 2 घंटे 40 मिनट कम हो जाएगा। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल खजुराहो आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को तेज और अधिक सुविधाजनक बनाएगी।
* **लखनऊ-सहारनपुर:** यह ट्रेन लगभग 7 घंटे 45 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करेगी, जिससे मौजूदा समय में लगभग एक घंटे की बचत होगी। सीतापुर, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर जैसे समुदाय बेहतर इंटरसिटी पहुंच से लाभान्वित होंगे।
* **फिरोजपुर-दिल्ली:** 6 घंटे 40 मिनट में अपनी यात्रा पूरी करके, यह ट्रेन इस मार्ग पर सबसे तेज बन गई है। यह फिरोजपुर, बठिंडा और पटियाला को सीधे राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ेगी, जिससे पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में वाणिज्य, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा मिलेगा।
* **एर्नाकुलम-बेंगलुरु:** दक्षिण भारत में, यह ट्रेन यात्रा के समय को 2 घंटे से अधिक कम कर देगी, और 8 घंटे 40 मिनट में यात्रा पूरी करेगी। यह प्रमुख वाणिज्यिक और आईटी हब को जोड़ती है, जिससे पेशेवरों, छात्रों और पर्यटकों के लिए एक तेज और आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा।






