देश में 79वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया। उन्होंने आजादी के इस महापर्व को 140 करोड़ संकल्पों का पर्व बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व सामूहिक सिद्धियों का गौरव का पल है और हर हृदय उमंग से भरा हुआ है। देश एकता की भावना को निरंतर मजबूती दे रहा है। प्रधानमंत्री ने पिछले 11 सालों में इस बार सबसे लंबा 103 मिनट का भाषण दिया।
पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी और अमेरिका को भी एक संदेश दिया। उन्होंने युवाओं के लिए रोजगार से जुड़ी खुशखबरी दी। इसके अतिरिक्त, उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 वर्ष पूरे होने पर उसकी प्रशंसा की। आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में क्या बड़ी बातें कहीं।
ऑपरेशन सिंदूर पर पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने इसमें शामिल जवानों को सलाम किया। उन्होंने कहा, ‘आज 15 अगस्त का एक विशेष महत्व भी मैं देख रहा हूं। मुझे लाल किले की प्राचीर से ऑपरेशन सिंदूर के वीर जवानों को सैल्यूट करने का अवसर मिला। हमारे वीर, जांबाज सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी। 22 अप्रैल को पहलगाम में सीमा पार से आतंकियों ने जिस प्रकार का कत्ल-ए-आम किया, धर्म पूछकर लोगों को मारा गया, पत्नियों के सामने उनके पतियों को गोलियां मारी गईं, बच्चों के सामने उनके पिता को मौत के घाट उतार दिया गया। पूरा हिंदुस्तान आक्रोश से भरा हुआ था, पूरा विश्व भी इस प्रकार के संहार से चौंक गया था।’
उन्होंने आगे कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर उसी आक्रोश की अभिव्यक्ति है। 22 अप्रैल के बाद, हमने हमारी सेना को खुली छूट दे दी। रणनीति और लक्ष्य वे तय करें, समय भी वे तय करें और फिर हमारी सेना ने वो करके दिखाया, जो कई दशकों से हुआ नहीं था। दुश्मन की धरती पर सैकड़ों किमी अंदर घुसकर आतंकी हेडक्वार्टर को मिट्टी में मिला दिया, आतंकी इमारतों को खंडहर बना दिया।’
पाकिस्तान को सीधी चेतावनी देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, नई-नई जानकारियां आ रही हैं। हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आ रहा है। देश के सीने को छलनी कर दिया गया है। हम आतंकियों और उनको पालने-पोसने वालों को अलग-अलग नहीं मानेंगे, वे मानवता के समान दुश्मन हैं, उनमें कोई फर्क नहीं है। भारत ने तय कर लिया है कि अब वह न्यूक्लियर की धमकियों से नहीं डरेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे अरसे से चला आ रहा है। अब ब्लैकमेल नहीं सहेंगे। आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी तो सेना तय करेगी, वह जो समय, तौर-तरीके, लक्ष्य निर्धारित करेगी हम अमल में लाने वाले हैं, मुंहतोड़ जवाब देंगे। भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं चलेंगे।’
सिंधु समझौते पर बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अब देशवासियों को भली भांति पता चला है कि सिंधु का समझौता कितना अन्यायपूर्ण है, कितना एकतरफा है। भारत से निकलने वाली नदियों का पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है और मेरे देश के किसान, मेरे देश की धरती पानी के बिना प्यासी है। ये ऐसा समझौता था, जिसने पिछले 7 दशक में मेरे देश के किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। हिंदुस्तान के हक का जो पानी है, उस पर सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्तान के किसानों और हिंदुस्तान का अधिकार है। भारत कतई सिंधु समझौते के उस स्वरूप को आगे नहीं सहेगा। किसान हित में, राष्ट्र हित में ये समझौता हमें मंजूर नहीं है।’
आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए, पीएम मोदी ने कहा, ‘गुलामी ने हमें निर्धन बना दिया था, गुलामी ने हमें निर्भर भी बना दिया था, औरों पर हमारी निर्भरता बढ़ती गई। देश के किसानों ने खून-पसीना एक करके अन्न भंडार भर दिए, अनाज के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बना दिया। एक राष्ट्र के लिए आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी आज भी उसकी आत्मनिर्भरता है। विकसित भारत का आधार भी ‘आत्मनिर्भर भारत’ ही है। दूसरों पर ज्यादा निर्भर रहता है, उसकी आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्नचिन्ह लग जाता है। दुर्भाग्य तो तब बन जाता है, जब निर्भरता की आदत लग जाए। पता ही न चले कि हम कब आत्मनिर्भरता छोड़ रहे हैं और कब किसी पर निर्भर हो जाते हैं। ये आदत खतरे से खाली नहीं है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘आत्मनिर्भरता का नाता सिर्फ आयात और निर्यात या रुपये, पैसे तक सीमित नहीं है। आत्मनिर्भरता का नाता हमारे सामर्थ्य से जुड़ा हुआ है और जब आत्मनिर्भरता खत्म होने लगती है, तो सामर्थ्य भी निरंतर क्षीण होता जाता है इसलिए हमारे सामर्थ्य को बचाए रखने, बनाए रखने और बढ़ाए रखने के लिए आत्मनिर्भर होना बहुत अनिवार्य है। अगर हम आत्मनिर्भर न होते, तो क्या ऑपरेशन सिंदूर हम इतनी त्वरित गति से कर पाते? लेकिन, मेड इन इंडिया की शक्ति हमारी सेना के हाथ में थी इसलिए बिना चिंता, बिना रुकावट, बिना हिचकिचाहट हमारी सेना अपना पराक्रम करती रही। हम पिछले 10 साल से लगातार डिफेंस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर एक मिशन लेकर चले हैं, उसके नतीजे आज नजर आ रहे हैं।’
टेक्नोलॉजी पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी टेक्नोलॉजी ड्रिवेन है। उन्होंने कहा कि जिन देशों ने टेक्नोलॉजी में महारत हासिल की, वे विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचे। उन्होंने देश के युवाओं से अपील की कि वे मेड इन इंडिया फाइटर जेट्स के लिए जेट इंजन बनाएं, साथ ही ऑपरेटिंग सिस्टम, साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी चीजें भी हमारी होनी चाहिए।
इलेक्ट्रिक व्हीकल पर बोलते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि आने वाला युग EV का है। उन्होंने कहा कि EV बैटरी और सोलर पैनल्स सहित EV के लिए आवश्यक सभी चीजें हमारी होनी चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों और इन्फ्लूएंसर्स से वोकल फॉर लोकल के मंत्र को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
इस दिवाली में जीएसटी में बदलाव की घोषणा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी में सुधार किया जाएगा और टैक्स में भारी कटौती की जाएगी, जिससे रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएंगी।
उन्होंने घोषणा की कि भारत सुदर्शन चक्र मिशन लॉन्च करेगा, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण करना है। इस मिशन के लिए अगले दस वर्षों में आधुनिक प्रणाली, अनुसंधान, विकास और निर्माण पर जोर दिया जाएगा, जिसमें युवाओं की प्रतिभा और कौशल का उपयोग होगा।
नेक्स्ट जनरेशन रिफॉर्म्स के लिए सरकार एक टास्क फोर्स का गठन करेगी जो 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए नियमों, कानूनों और नीतियों को 21वीं सदी के अनुकूल बनाएगी।
आरएसएस की प्रशंसा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि आरएसएस 100 वर्षों से राष्ट्र सेवा कर रहा है, और यह दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है।
हाईपावर डेमोग्राफी मिशन की घोषणा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि यह मिशन देश की सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को संबोधित करेगा, जिसमें घुसपैठियों द्वारा की जा रही गतिविधियों का मुकाबला करना भी शामिल है।
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की घोषणा करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत, निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को सरकार की ओर से 15,000 रुपये दिए जाएंगे।
किसानों को लेकर, पीएम मोदी ने कहा कि भारत के किसान, पशुपालक, मछुआरे, हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं और सरकार उनकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।