प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को मालदीव पहुंचे, जहां उन्होंने 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लिया, जिसमें वह मुख्य अतिथि थे। यह यात्रा दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ भी है।
भारत और मालदीव के बीच संबंध तब बदल गए जब राष्ट्रपति मुइज़ु ने पदभार संभाला और भारत के खिलाफ टिप्पणियां कीं। उन्होंने ‘भारत छोड़ो’ अभियान का आह्वान किया और 2023 के अंत में चीन के साथ गठबंधन करने की इच्छा व्यक्त की। प्रधानमंत्री की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाना है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि मालदीव भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और भारत के MAHASAGAR विजन का अभिन्न अंग है।
मिस्री ने पिछले साल तय किए गए ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए भारत-मालदीव संयुक्त विजन का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी द्वीप राष्ट्र में भारत द्वारा सहायता प्राप्त विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे।
मालदीव में भारत के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान भारत और मालदीव के बीच कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पीएम मोदी का मालदीव के माले में रिपब्लिक स्क्वायर में आधिकारिक स्वागत किया गया।