पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 8 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों के नाम हटाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ऐसा नहीं होने देगी।
सीएम मान ने केंद्र द्वारा NFSA के तहत लाभार्थियों के नाम हटाने के मानदंडों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र के अनुसार, जिन लाभार्थियों के पास चार पहिया वाहन है या जिनके पास 2.50 एकड़ से अधिक जमीन है, उन्हें लिस्ट से बाहर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर किसी राशन कार्ड धारक को सरकारी नौकरी मिल जाए और वह अपने गांव से शहर चला जाए तो क्या उसके परिवार के बाकी सदस्यों को राशन नहीं मिलेगा?
सीएम मान ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र को एक भी राशन कार्ड रद्द नहीं करने देगी। उन्होंने बताया कि पंजाब में NFSA के तहत कुल 1.53 करोड़ लाभार्थी हैं और उन्हें गेहूं दिया जाता है। उन्होंने केंद्र पर आरोप लगाया कि उनमें से कई (लाभार्थी) फर्जी हैं। मान ने कहा कि उन्होंने केंद्र को पत्र लिखकर लाभार्थियों के सत्यापन के लिए छह महीने का समय मांगा है।
सीएम ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के 55 लाख गरीब पंजाबियों का मुफ्त राशन बंद करने जा रही है। उन्होंने कहा कि KYC न होने के कारण जुलाई से 23 लाख गरीब लोगों का राशन बंद हो चुका है और अब 30 सितंबर के बाद 32 लाख और लोगों का राशन बंद करने की धमकी दी गई है।