पंजाब में बाढ़ के बाद अब स्थिति सामान्य हो रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी सरकार ने बाढ़ के संकट के दौरान पूरी जिम्मेदारी से काम किया। अब जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, मान सरकार ने राहत, सफाई और पुनर्निर्माण का महाअभियान शुरू कर दिया है। सरकार 14 सितंबर से 23 सितंबर तक पूरे राज्य में सफाई और बहाली का विशेष अभियान चला रही है, जो 2300 से अधिक गांवों और शहरी वार्डों में एक साथ शुरू हुआ है।
इस अभियान का लक्ष्य प्रत्येक गली, मोहल्ले और वार्ड को साफ-सुथरा और बेहतर बनाना है। नगर निगमों, नगर परिषदों और पंचायतों को जलभराव से जमा गाद, सिल्ट और गंदगी को हटाने का आदेश दिया गया है।
प्रदेश के कई जिलों में 1000 से अधिक सफाई कर्मचारी, 200 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रालियां, 150 जेसीबी मशीनें और सैकड़ों स्वास्थ्य कर्मी इस काम में लगे हुए हैं। सरकार ने सभी जिलों में नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, जिनकी निगरानी में काम हो रहा है। हर जोन का जिम्मा एक अफसर को सौंपा गया है और उन्हें रोजाना ग्राउंड पर रहकर काम पूरा करने का निर्देश दिया गया है। नगर निगमों में कमिश्नर और जिलों में एडीसी को यह सुनिश्चित करने की विशेष जिम्मेदारी दी गई है कि कोई भी शिकायत लंबित न रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान स्वयं इस अभियान की लगातार निगरानी कर रहे हैं। वे अधिकारियों से संपर्क में हैं और स्थिति का जायजा ले रहे हैं। उन्होंने कहा है कि यह कोई औपचारिक अभियान नहीं है, बल्कि पंजाब के हर नागरिक के घर-आंगन को फिर से खुशहाल बनाने का संघर्ष है।
सफाई के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवाओं पर भी ध्यान दिया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में दवा छिड़काव, साफ पानी की आपूर्ति और प्राथमिक चिकित्सा शिविर लगा रहा है। 5 सितंबर को जारी एडवाइजरी के तहत सभी शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को साफ-सफाई और रोग रोकथाम के उपाय तुरंत लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए सर्वे कार्य भी शुरू कर दिया गया है। घरों, दुकानों, सड़कों, बिजली के खंभों और जल योजनाओं सहित सभी सार्वजनिक और निजी संपत्तियों का आकलन इंजीनियरिंग टीमों द्वारा किया जा रहा है, ताकि सरकार जल्द से जल्द प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजा दे सके।
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने निर्देश दिया है कि सभी कार्यों में पारदर्शिता बनी रहे, इसलिए काम से पहले और बाद की तस्वीरें ली जा रही हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि कोई भी काम अधूरा न रहे और हर जरूरतमंद तक सरकारी मदद पहुंचे। मान सरकार का विशेष सफाई और पुनर्वास अभियान 14 सितंबर से पंजाब के सभी जिलों में शुरू हो गया है।
सुबह से ही नगर निगमों और स्थानीय प्रशासन की टीमें फील्ड में उतर चुकी हैं। जेसीबी मशीनों की आवाज और ट्रैक्टर-ट्रालियों की हलचल इस बात का संकेत दे रही है कि अब पंजाब में सिर्फ राहत नहीं, बल्कि पुनर्निर्माण की शुरुआत हो चुकी है। जनता कह रही है कि पहली बार सरकार इतनी तेजी और गंभीरता से हर गली-नुक्कड़ तक पहुंची है। लोगों को भरोसा हुआ है कि सरकार सिर्फ घोषणाएं नहीं करती, बल्कि जमीन पर काम करती है, बिना रुके, बिना थके।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साबित कर दिया है कि बाढ़ जैसी आपदा को भी जिम्मेदारी से संभाला जाए, तो यह लोगों के हौसले को और मजबूत कर सकती है। सरकार ने बाढ़ को पंजाबियों की हिम्मत, सेवा-भाव और एकजुटता की परीक्षा माना है। राहत कार्यों को जनसेवा और जवाबदेही के अवसर की तरह लिया गया है, यही फर्क है जो एक लोक सेवक सरकार और दिखावटी राजनीति में होता है।
बाढ़ आई, नुकसान हुआ, लेकिन सरकार डगमगाई नहीं। मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी टीम ने खुद को मैदान में उतारा। जनता अब देख रही है कि जहां कुछ दल मुसीबत में राजनीति खोजते हैं, वहीं मान सरकार समाधान खोजती है। आज जब विपक्ष सवाल उठा रहा है, मान सरकार अपने काम से जवाब दे रही है, और वह भी जनता के बीच रहकर। आज पूरा पंजाब कह रहा है कि मान सरकार हर वक्त, हर हाल में लोगों के साथ खड़ी है।