दिवाली के दौरान मध्य प्रदेश में 300 से अधिक लोगों के आँखों में चोट लगने और दस लोगों के दृष्टिहीन होने की दुखद घटनाओं के बाद, राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से पीवीसी ‘कार्बाइड’ पाइप गन, पटाखा की बिक्री, खरीद और भंडारण पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन खतरनाक “कार्बाइड गन” को बच्चों के खिलौनों के रूप में बेचा जा रहा था, लेकिन इनमें इस्तेमाल होने वाले विस्फोटक रसायन जानलेवा साबित हुए।’
यह खुलासा हुआ है कि ये पीवीसी पाइप से बनीं गन, जिन्हें किसान आवारा पशुओं को भगाने के लिए इस्तेमाल करते थे, अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे रील्स के कारण बच्चों के बीच खिलौना बन गई हैं। इन गन को बनाने के लिए दो पीवीसी पाइप को जोड़ा जाता है, फिर उनमें पोटाश या कैल्शियम कार्बाइड भरा जाता है। इस रसायन पर पानी की कुछ बूँदें डालने और लाइटर से आग लगाने पर एक ज़ोरदार धमाका होता है, जिससे निकलने वाली चिंगारी आँखों के लिए अत्यंत हानिकारक है। भोपाल, सिवनी, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और विदिशा जैसे शहरों में ये गन 150 से 200 रुपये में धड़ल्ले से बिक रही थीं।
सोशल मीडिया पर इन पाइप गन को बनाने और इस्तेमाल करने के वीडियो की लोकप्रियता ने दुकानदारों को इन्हें दिवाली के खिलौनों के तौर पर बेचने के लिए प्रेरित किया। हजारों लोगों ने ऐसे रील्स देखे और आकर्षित हुए। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सोशल मीडिया पर दिखाए जाने वाले ऐसे वीडियो पर आँख बंद करके भरोसा करने का परिणाम भोपाल, ग्वालियर और विदिशा जैसे शहरों में देखा गया, जहाँ लोगों ने अपनी आँखों की रोशनी खो दी।
यह अत्यंत आवश्यक है कि हम सभी सोशल मीडिया पर ऐसे खतरनाक वीडियो पर भरोसा करने से बचें और विवेक का उपयोग करें। अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें और समझदारी से तय करें कि क्या सुरक्षित है और क्या असुरक्षित। यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि कैसे अनजाने में वायरल होने वाली सामग्री खतरनाक साबित हो सकती है।







