लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को लेकर बीजेपी नीत हरियाणा सरकार और केंद्र पर तीखा हमला बोला है। राहुल गांधी ने इसे दलितों के प्रति वर्षों से चले आ रहे “भेदभाव” का परिणाम बताया और कहा कि राज्य के पुलिस अधिकारियों द्वारा जानबूझकर उनके करियर को खत्म करने के लिए उनके साथ भेदभाव किया गया।
चंडीगढ़ में वाई पूरन कुमार के परिवार से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने ये टिप्पणियां कीं। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से राज्य की निम्न जाति की आबादी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने का आग्रह भी किया।
कांग्रेस नेता ने मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा, “यह किसी एक परिवार के सम्मान का मामला नहीं है, बल्कि पूरे देश के दलित समुदाय के सम्मान का सवाल है।” उन्होंने कहा कि इस घटना ने दलितों को एक गलत संदेश भेजा है, जिससे उन्हें यह लग सकता है कि वे कितने भी सफल क्यों न हो जाएं, दलित होने के कारण वे अन्याय के प्रति संवेदनशील बने रहेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मामला केवल दिवंगत आईपीएस अधिकारी के परिवार की गरिमा का नहीं, बल्कि पूरे दलित समुदाय के सम्मान का है।
राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री सैनी पर निष्पक्ष जांच कराने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया और दावा किया कि दिवंगत अधिकारी की बेटियां भारी दबाव का सामना कर रही हैं। विपक्ष के नेता के तौर पर, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री से आईपीएस पूरन कुमार की बेटियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने और उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को आगे बढ़ने देने का आग्रह किया।