लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी कथित ‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर मुखर हैं। इस बीच, बिहार में चुनाव से पहले, कांग्रेस नेता ‘वोटर अधिकार यात्रा’ निकाल रहे हैं। लगभग 1300 किलोमीटर लंबी यह यात्रा मंगलवार को नवादा पहुंची। राहुल यहां दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे। नवादा जिले का राजनीतिक परिदृश्य क्या कहता है और किस गठबंधन की स्थिति यहां मजबूत है?
राहुल गांधी ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य नेताओं की उपस्थिति में रविवार को ‘वोटर अधिकार यात्रा’ शुरू की और चुनाव आयोग पर निशाना साधा। गयाजी में एक जनसभा में उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों को आगाह किया कि अगर केंद्र और बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनी तो ‘वोट चोरी’ के आरोप में मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ का उद्देश्य वोटों की रक्षा करना है। कांग्रेस इस यात्रा के माध्यम से बिहार के लोगों को यह संदेश दे रही है कि उनके वोटों की रक्षा की जाएगी और वोट चोरी करने वालों को हटाया जाएगा। राहुल गांधी इस यात्रा के दौरान 20 जिलों से गुजरते हुए कुल 1,300 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे।
नवादा जिला मगध डिवीज़न का हिस्सा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में, राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन ने 26 में से 20 सीटें जीती थीं। नवादा में महागठबंधन का प्रदर्शन शानदार रहा था, जहां 5 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें महागठबंधन के खाते में गईं।
यह वही नवादा जिला है जो कभी कांग्रेस का गढ़ था। यात्रा के दौरान राहुल गांधी बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण सिन्हा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे, जो नवादा जिले के थे। राहुल दलित और मुस्लिम समाज के साथ-साथ भूमिहार वोटरों को भी अपने साथ लाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। महागठबंधन इस जिले में अपने पिछले प्रदर्शन को बनाए रखना चाहता है।