राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में 23 अगस्त को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में राज्य को विकसित बनाने के लिए ‘विकसित राजस्थान-2047’ विजन डॉक्यूमेंट, दो नीतियों और तीन विधेयकों को मंजूरी दी गई। सरकार ने 2047 तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य रखा है, साथ ही टोल कम करने की योजना भी बनाई है।
कैबिनेट बैठक के बाद उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जयपुर में एम्स की तर्ज पर राजस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) बनाया जाएगा। आगामी सत्र में राजस्थान इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस विधेयक लाया जाएगा, जिसके लिए एक फैकल्टी समिति का गठन किया जाएगा।
नगरीय क्षेत्रों में भूमि आवंटन के लिए स्पष्ट नीति बनाई गई है, जिसमें सामाजिक, धार्मिक, शैक्षणिक और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए भूमि आवंटन को सुगम बनाया जाएगा। भूमि आवंटन की नई नीति 2025 के तहत मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और कंपनियों को भूमि आवंटित की जाएगी, और डीएलसी दर की 25% दर पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। टोंक रोड पर 3500 करोड़ रुपये की लागत से 7000 सीटों वाला एक कन्वेंशन सेंटर भी बनाया जाएगा, जिसका निर्माण भारत मंडपम बनाने वाली कंपनी करेगी।
इसके अतिरिक्त, सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए 1280 हेक्टेयर जमीन आवंटित करने की मंजूरी दी गई है, जिससे 2500 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। सोलर प्लांट लगाने वाली कंपनियों को हर पेड़ के बदले पांच पेड़ लगाने होंगे। राजस्थान को ग्रीन एनर्जी हब बनाने पर भी काम चल रहा है। राजस्थान मत्स्य (संशोधन) विधेयक 2025 पारित किया गया, जिसमें जुर्माने की राशि बढ़ाई गई है और मछलियों को अनावश्यक रूप से मारने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
राज्य राजमार्ग शुल्क नियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई, ताकि एक्सप्रेस-वे की शुल्क दरें केंद्र सरकार की अधिसूचना के अनुरूप हों। कारखाना (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2025 में श्रमिकों के काम के घंटे बढ़ाकर 12 करने और महिलाओं को सुरक्षा शर्तों के साथ रात की पाली में काम करने की अनुमति देने का प्रावधान है।