राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं और आज शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है। यह कार्यक्रम नागपुर के रेशम बाग मैदान में सुबह 7:40 बजे शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में 21 हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने भाग लिया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम से पहले शस्त्र पूजन किया, जिसके बाद योग, प्रात्यक्षिक, नियुद्ध, घोष और प्रदक्षिणा का आयोजन किया गया। विजय दशमी उत्सव देशभर में संघ की 83 हजार से अधिक शाखाओं में भी मनाया जा रहा है। आरएसएस की शुरुआत 1925 में विजयादशमी के दिन डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी।
मोहन भागवत संघ के छठवें सरसंघचालक हैं और उन्होंने 2009 में संघ की कमान संभाली थी। संघ की स्थापना डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी, जो पहले संस्थापक सरसंघचालक थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर एक डाक टिकट और 100 रुपये का सिक्का जारी किया।
संघ के विजयादशमी समारोह में घाना, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, यूके और यूएसए सहित कई विदेशी मेहमान भी शामिल हुए।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में विजयादशमी उत्सव कार्यक्रम में संगठन के संस्थापक के.बी. हेडगेवार को श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी उनके साथ मौजूद थे। मोहन भागवत और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विजयदशमी 2025 के अवसर पर शस्त्र पूजन किया।