केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वें संशोधन बिल पर विपक्ष के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश किया। उन्होंने कहा कि जो लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जो चाहते हैं कि प्रधानमंत्री कानून के दायरे में न आएं और जेल से सरकार चलाते रहें। शाह ने इंदिरा गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस की नीति प्रधानमंत्री को कानून से ऊपर रखने की रही है, जबकि भाजपा की नीति हमेशा अपने प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को कानून के दायरे में लाने की रही है।
शाह ने लोकसभा में कहा कि आज उन्होंने संवैधानिक संशोधन विधेयक पेश किए हैं, जिनसे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी व्यक्ति जेल में रहते हुए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्र और राज्य सरकार में मंत्री जैसे अहम संवैधानिक पदों पर कार्य नहीं कर सकेगा। इन विधेयकों का उद्देश्य गिरते नैतिक मानकों को सुधारना और राजनीति में शुचिता बनाए रखना है।
विधेयक के मुख्य प्रावधानों का उल्लेख करते हुए शाह ने बताया कि यदि कोई व्यक्ति गिरफ्तार होता है, तो वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री नहीं रह पाएगा। गिरफ्तारी के बाद 30 दिनों के भीतर जमानत न मिलने पर उन्हें पद छोड़ना होगा।
शाह ने कहा कि भाजपा और एनडीए हमेशा नैतिक मूल्यों के पक्षधर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने हमेशा इंदिरा गांधी की अनैतिक परंपरा को आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष आज देश की जनता के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुका है।