सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश कटारा हत्याकांड में फैसला सुनाते हुए सुखदेव यादव उर्फ पहलवान को रिहा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि जिन कैदियों की सजा पूरी हो चुकी है, उन्हें बिना देरी किए रिहा किया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी दोषी अपनी सजा की अवधि से अधिक समय तक जेल में न रहे।
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अगर कोई दोषी जेल में है और किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि सुखदेव यादव ने बिना किसी रियायत के अपनी सजा पूरी कर ली है, इसलिए उसकी तुरंत रिहाई होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कानून के अनुसार, कोई भी व्यक्ति निर्धारित अवधि से अधिक समय तक जेल में नहीं रह सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यादव को 9 मार्च 2025 के बाद जेल में नहीं रखा जा सकता था, बल्कि 10 मार्च 2025 को रिहा कर दिया जाना चाहिए था।
इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने यादव को तीन महीने का फर्लो दिया था, क्योंकि वह बिना किसी रियायत के 20 साल जेल में रहे थे। फर्लो जेल से अस्थायी रिहाई है, सजा का निलंबन या छूट नहीं। यह उन कैदियों को दिया जाता है जिन्होंने अपनी सजा का एक हिस्सा पूरा कर लिया हो। यह फैसला नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी सुखदेव पहलवान की याचिका पर सुनवाई के दौरान आया।