तमिलनाडु की राजनीति में सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव एक बार फिर से सतह पर आ गया है। इस बार, कलैगनार विश्वविद्यालय विधेयक को लेकर राज्य सरकार ने राज्यपाल के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
विवाद की जड़ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़ा है। राज्य सरकार चाहती है कि कुलपतियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री करें, जबकि राज्यपाल ने इस विधेयक को मंजूरी नहीं दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी राज्यपाल को फटकार लगाई थी, लेकिन अब भी विधेयक पर फैसला नहीं लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल को एक महीने या अधिकतम तीन महीने के भीतर विधेयक पर फैसला लेने का आदेश दिया था।
मुख्यमंत्री स्टालिन ने राज्यपाल पर महत्वपूर्ण शिक्षा विधेयकों को टालने का आरोप लगाया है।