क्या आप जानते हैं कि आपके बाथरूम में रखा वह छोटा सा टूथब्रश, जो आपके दांतों को साफ करने के लिए होता है, असल में लाखों जानलेवा बैक्टीरिया का घर है? जी हाँ, हर बार जब आप अपने दांतों को ब्रश करते हैं, तो आप अनजाने में इन सूक्ष्मजीवों को सीधे अपने मुंह में ले जा रहे होते हैं। यह एक चौंकाने वाला सच है जो आपको तुरंत अपना टूथब्रश बदलने पर मजबूर कर देगा।
हालिया शोध से पता चला है कि एक सामान्य टूथब्रश पर 1 करोड़ (10 मिलियन) से भी ज़्यादा विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं। यह संख्या मुंबई शहर की आबादी से भी ज़्यादा है! आप सोचते होंगे कि ब्रश करने से कीटाणु मर जाते हैं, लेकिन हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। आप असल में हर दिन दो बार बैक्टीरिया को सीधे अपने मुंह में खिला रहे होते हैं।
आपके ब्रश की पुरानी ब्रिसल्स में बैक्टीरिया गहराई तक छिप जाते हैं, जहां सामान्य पानी उन्हें साफ नहीं कर पाता। हर ब्रश स्ट्रोक एक बैक्टीरियल हमले जैसा है। जो लोग दिन में दो बार ब्रश करते हैं, वे हर दिन दो बार इस बैक्टीरियल दुःस्वप्न का सामना करते हैं। ब्रश करने के बाद, टूथब्रश गीला रहता है, जो बैक्टीरिया के पनपने के लिए एकदम सही, गर्म और नम वातावरण बनाता है। यह आपके बाथरूम में रखे एक पेट्री डिश जैसा है जिसे आप खुद अपने मुंह में डालते हैं!
सबसे भयानक बात यह है कि नए टूथब्रश भी सुरक्षित नहीं हैं। ब्राजील के एक शोध में, 40 नए टूथब्रश की जांच की गई, और उनमें से आधे पहले से ही कई तरह के बैक्टीरिया से दूषित पाए गए। इसका मतलब है कि भले ही आप नया ब्रश खरीदें, फिर भी आप लाखों कीटाणुओं को अपने मुंह में ले जा सकते हैं।
तो इस भयावह स्थिति से कैसे बचें? घबराएं नहीं, इस अदृश्य दुश्मन से लड़ने के कुछ प्रभावी तरीके हैं:
**सिरके का कमाल:** एक प्रतिशत सिरके के घोल में ब्रश भिगोना बैक्टीरिया को मारने का सबसे प्रभावी तरीका पाया गया है। इसका छोटा सा साइड-इफेक्ट सिरके का हल्का स्वाद है, लेकिन बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए यह एक छोटा सा बलिदान है।
**एंटीसेप्टिक माउथवॉश का प्रयोग:** ब्रश के हेड को 5-10 मिनट के लिए एंटीसेप्टिक माउथवॉश में डुबोने से एक ऐसा माहौल बनता है जहां बैक्टीरिया जीवित नहीं रह पाते।
**तीन महीने का नियम:** अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन जैसी प्रमुख संस्थाओं की सलाह है कि हर तीन महीने में अपना टूथब्रश बदलना अनिवार्य है। 90 दिनों के बाद, आपका ब्रश इतना बैक्टीरिया से भर जाता है कि वह एक बायोहाज़ार्ड बन जाता है।
तो अगली बार जब आपसे पूछा जाए, “क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है?”, तो आप एक ज़्यादा ज़रूरी सवाल पूछें: “क्या आपके टूथब्रश में बैक्टीरिया है?” इसका जवाब हमेशा ‘हाँ’ ही होगा। सवाल यह नहीं है कि आपके ब्रश पर बैक्टीरिया हैं या नहीं, बल्कि यह है कि आप इसके बारे में क्या करने वाले हैं! लाखों बैक्टीरिया को अपने मुंह में बुलाना है, या खुद को इस सूक्ष्म हमले से बचाना है, यह आपकी मर्ज़ी है।