भारत और अमेरिका आज नई दिल्ली में व्यापार वार्ता फिर से शुरू करेंगे। यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीदने पर भारत पर दंडात्मक शुल्क लगाने के बाद हो रही है। दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारतीय अधिकारियों से मुलाकात करेगा। इस बैठक को व्यापार वार्ता के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अमेरिकी व्यापार टीम द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर छठे दौर की वार्ता के लिए 25-29 अगस्त को भारत आने वाली थी, लेकिन वाशिंगटन द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया, जिसमें रूस से तेल खरीदने पर 25% का दंडात्मक शुल्क शामिल था। तब से दोनों पक्ष साप्ताहिक आधार पर वर्चुअल बैठकें कर रहे हैं। भारतीय अधिकारियों में वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में वित्त और कॉर्पोरेट मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
अमेरिका की तरफ से लिंच और भारत की ओर से वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल अपनी टीम का नेतृत्व करेंगे। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल के मुताबिक, कई स्तरों पर बातचीत चल रही है। ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने सोमवार को भी भारत पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि नई दिल्ली एक डील करने की कोशिश कर रही है। कुल मिलाकर, माहौल थोड़ा तनावपूर्ण है, लेकिन बातचीत की उम्मीद अभी भी बनी हुई है। दोनों देशों के नेता एक समझौता करने के लिए उत्सुक दिख रहे हैं, लेकिन कुछ मुद्दों पर अभी भी सहमति बनाना बाकी है।
व्यापार मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में अमेरिका को भारत का निर्यात जुलाई के 8.01 अरब डॉलर से घटकर 6.86 अरब डॉलर रह गया। एक अधिकारी ने कहा कि दोनों पक्ष वर्चुअल रूप से बातचीत कर रहे थे, लेकिन बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई क्योंकि “वातावरण अनुकूल नहीं था।” अमेरिका भारत पर रूस से तेल खरीद कम करने का दबाव बना रहा है क्योंकि उसका दावा है कि इससे यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए धन जुटाने में मदद मिल रही है।