अगर आपका कोई ट्रैफिक चालान अभी भी बकाया है और आप जुर्माने से बच रहे हैं, तो यह बिना ज्यादा खर्च किए इसे हल करने का एक शानदार अवसर है। 13 सितंबर 2025 को आयोजित होने वाली लोक अदालत कुछ खास ट्रैफिक उल्लंघनों पर भारी छूट दे रही है। लेकिन याद रखें, बिना टोकन के आपकी सुनवाई नहीं होगी।
इस लाभ का लाभ उठाने के लिए, आवेदकों को ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा और एक टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट लेटर प्राप्त करना होगा। जिन लोगों के पास ये दोनों दस्तावेज नहीं हैं, उनकी सुनवाई नहीं की जाएगी।
लोक अदालत टोकन 2025 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया
- एनएएलएसए (नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) की वेबसाइट पर जाएं।
- लोक अदालत पंजीकरण का विकल्प चुनें।
- आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म जमा करने के बाद, टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट लेटर आपको ईमेल या फोन के माध्यम से भेज दिया जाएगा।
- अपॉइंटमेंट लेटर में आपकी तारीख, समय और स्थान की जानकारी होगी।
आपको क्या साथ ले जाना चाहिए?
सुनवाई के दिन मूल दस्तावेज, टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट लेटर लाना अनिवार्य है। प्रशासन सलाह देता है कि सुनवाई से कम से कम एक घंटे पहले स्थल पर पहुंचें। ट्रैफिक चालान जिन पर राहत दी जाएगी
लोक अदालत निम्नलिखित मामूली उल्लंघनों पर छूट या पूरी माफी दे सकती है:
- सीट बेल्ट के बिना गाड़ी चलाना
- हेलमेट के बिना दोपहिया वाहन चलाना
- लाल बत्ती का उल्लंघन
- गलती से जारी चालान
- ओवरस्पीडिंग
- वैध पीयूसी प्रमाणपत्र के बिना
- गलत जगह पर पार्किंग
- बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाना
- फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना
- गलत लेन में गाड़ी चलाना
- ट्रैफिक सिग्नल की अनदेखी करना
- बिना नंबर प्लेट के गाड़ी चलाना
निम्नलिखित मामलों को लोक अदालत में नहीं लिया जाएगा और इन्हें केवल सामान्य अदालतों में ही निपटाना होगा:
शराब पीकर गाड़ी चलाना
हिट-एंड-रन मामले
लापरवाही के कारण मौत
अवैध रेसिंग या स्पीडिंग
नाबालिग द्वारा गाड़ी चलाना
आपराधिक गतिविधियों में प्रयुक्त वाहन
ऐसे मामले जिन पर पहले से ही अदालत में सुनवाई चल रही है
अन्य राज्यों से जारी चालान
सुनवाई की प्रक्रिया क्या होगी?
- मामलों की सुनवाई टोकन नंबर के आधार पर की जाएगी।
- न्यायाधीश चालान की समीक्षा कर सकते हैं और पूरे जुर्माने को माफ कर सकते हैं या छूट दे सकते हैं।
- यदि मामला गंभीर है या बार-बार उल्लंघन हुआ है, तो जुर्माना लगाया जा सकता है।
- आदेश पारित होने के बाद, मामले को बंद माना जाएगा।