नई दिल्ली: अमेरिका के नए राजदूत के तौर पर नियुक्त किए गए सर्जियो गॉर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी को अपना ‘महान मित्र’ मानते हैं। गॉर ने शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचकर कई वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और विदेश सचिव विक्रम मिश्री शामिल थे।
प्रधानमंत्री आवास पर हुई मुलाकात के बाद गॉर ने मीडिया से कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के साथ मेरी बेहद शानदार बैठक हुई। हमने रक्षा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे द्विपक्षीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की।” उन्होंने महत्वपूर्ण खनिजों (critical minerals) के महत्व पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी मुलाकात को लेकर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा, “भारत में अमेरिका के राजदूत-मनोनीत सर्जियो गॉर का स्वागत करके खुशी हुई। मुझे विश्वास है कि उनका कार्यकाल भारत-अमेरिका की व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी सर्जियो गॉर से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब भारत के निर्यात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर दोनों देशों के संबंधों में कुछ तनाव चल रहा है। गॉर, उप सचिव माइकल जे. रिगास के साथ छह दिवसीय भारत दौरे पर हैं। सीनेट द्वारा भारत में अमेरिकी दूत के रूप में उनकी नियुक्ति की पुष्टि होने के कुछ दिनों बाद यह दौरा हुआ है।
जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “आज नई दिल्ली में अमेरिका के राजदूत-मनोनीत सर्जियो गॉर से मिलकर प्रसन्नता हुई। हमने भारत-अमेरिका संबंधों और इसके वैश्विक महत्व पर चर्चा की।”
गौरतलब है कि भारतीय सामानों पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा टैरिफ दोगुना बढ़ाकर 50% कर देने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध कुछ तनावपूर्ण रहे हैं। रूस से कच्चे तेल की खरीद पर भारत द्वारा अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने के बाद यह स्थिति और बिगड़ी थी। भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को ‘अनुचित, अन्यायपूर्ण और अतार्किक’ बताया था।
हालांकि, हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई फोन वार्ताओं ने व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत से सकारात्मक परिणाम की उम्मीदें जगाई हैं। भारत और अमेरिका ने कुछ हफ्तों के अंतराल के बाद हाल ही में व्यापार समझौते के लिए बातचीत फिर से शुरू की है।