देश के उपराष्ट्रपति पद के लिए 9 सितंबर, मंगलवार को मतदान होगा। सत्तारूढ़ एनडीए और इंडिया ब्लॉक दोनों ही अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने में लगे हैं। इस दिलचस्प चुनाव में दोनों गठबंधन अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं, लेकिन राह आसान नहीं है। पिछले महीने स्वास्थ्य कारणों से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यह चुनाव हो रहा है।
यह 17वां उपराष्ट्रपति चुनाव है, जिसका चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों वाले निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। इस बार बीजेपी के सीपी राधाकृष्णन और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला है। राधाकृष्णन को बीजेपी का वफादार चेहरा माना जाता है, जबकि सुदर्शन रेड्डी न्यायपालिका में अपनी निष्पक्ष छवि के लिए जाने जाते हैं।
उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से सिंगल ट्रांसफरेबल वोट (एसटीवी) के माध्यम से किया जाता है। मतदाता गोपनीय तरीके से मतदान करते हैं और उम्मीदवारों को वरीयता क्रम देते हैं। जीतने के लिए, उम्मीदवार को कुल वैध मतों के आधे से अधिक वोट चाहिए।
चुनाव निर्वाचन आयोग की देखरेख में होता है। एनडीए के पास लोकसभा में बहुमत है, इसलिए सीपी राधाकृष्णन की जीत की संभावना अधिक है। विपक्ष भी एकजुट होने की कोशिश कर रहा है। विभिन्न दलों ने सुदर्शन रेड्डी का समर्थन किया है। बीजेपी ने सांसदों के लिए कार्यशाला आयोजित की है, जबकि विपक्ष भी अपनी एकता सुनिश्चित करने के लिए बैठकें कर रहा है।