उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान होगा और शाम तक नतीजे आ जाएंगे। इस चुनाव में दो उम्मीदवार मैदान में हैं: सत्ता पक्ष, एनडीए की ओर से सीपी राधाकृष्णन और इंडिया गठबंधन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी। जीत हासिल करने वाले को उपराष्ट्रपति पद पर आसीन किया जाएगा।
चुनाव से पहले, वोटों के गणित को समझना महत्वपूर्ण है। लोकसभा में 542 सांसद हैं, जबकि राज्यसभा में 239 सांसद हैं। दोनों सदनों को मिलाकर, मतदान करने वाले सांसदों की कुल संख्या 781 है। जीत के लिए किसी भी उम्मीदवार को कुल 391 वोटों की आवश्यकता होगी। हालांकि, नवीन पटनायक की बीजेडी (BJD) और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की (BRS) को हटाने पर वोट करने वाले सांसदों की संख्या 770 रह जाती है, क्योंकि इन दोनों ने चुनाव से बाहर रहने का फैसला किया है।
इस स्थिति में, एक उम्मीदवार को जीत के लिए 386 वोट चाहिए। एनडीए के पास कुल 425 सांसद हैं। इसके अलावा, जगन रेड्डी के दल का समर्थन (11 सांसद) भी शामिल करने पर यह संख्या 436 तक पहुंच जाती है। दूसरी ओर, इंडिया ब्लॉक के पास 324 सांसद हैं। दोनों के बीच 112 वोटों का अंतर है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि निर्दलीय और कुछ अन्य सांसदों, जैसे स्वाति मालीवाल और गिरधारी लाल यादव, के 10 वोट किस ओर जाएंगे, यह स्पष्ट नहीं है। कुल मिलाकर, आंकड़ों को देखते हुए एनडीए उम्मीदवार की जीत महज एक औपचारिकता प्रतीत होती है।
शिरोमणि अकाली दल ने उपराष्ट्रपति चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है। शिरोमणि अकाली दल ने कहा है कि पंजाब इस समय भारी बाढ़ का सामना कर रहा है, लेकिन पंजाब सरकार और केंद्र सरकार दोनों ही राज्य के लोगों के साथ नहीं हैं। इसलिए, पंजाब के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, शिरोमणि अकाली दल का मानना है कि यह चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के बजाय पंजाब के लोगों के साथ खड़े होने का समय है।