केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में हुई हिंसा पर गृह मंत्रालय ने बयान जारी किया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार लद्दाख के मुद्दों पर गंभीर है और इस संबंध में लेह शीर्ष निकाय और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ लगातार बातचीत चल रही है। इन वार्ताओं के माध्यम से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार, लद्दाख के हित में उच्चाधिकार प्राप्त समिति और उप-समितियों के जरिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं, जिनमें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण में वृद्धि, परिषदों में महिलाओं के लिए आरक्षण और स्थानीय भाषाओं को आधिकारिक दर्जा देना शामिल है। हालांकि, मंत्रालय ने कहा कि कुछ राजनीतिक तत्वों द्वारा संवाद को विफल करने की कोशिश की जा रही है। मंत्रालय ने सोनम वांगचुक द्वारा भूख हड़ताल और उनके भड़काऊ बयानों को भी गंभीरता से लिया है। 24 सितंबर को वांगचुक के भाषणों के बाद भीड़ ने तोड़फोड़ की और पुलिस वाहनों को जला दिया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। गृह मंत्रालय ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में आ गई थी और वांगचुक ने अपना उपवास तोड़ दिया। सरकार लद्दाख की जनता की संवैधानिक सुरक्षा और सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।







