सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देशभर में आवारा कुत्तों पर एक नई बहस छिड़ गई है। समाज दो धड़ों में बंट गया है, कुछ लोग फैसले का स्वागत कर रहे हैं तो कुछ नाराज हैं। नाराजगी दिखाने वालों में डॉग लवर्स शामिल हैं, जो नहीं चाहते कि बेजुबानों को शेल्टर होम भेजा जाए। वहीं, दूसरी ओर वे लोग हैं जो स्ट्रे डॉग्स के हमलों से परेशान हैं, क्योंकि पिछले कुछ सालों में इसके डराने वाले आंकड़े सामने आए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर स्ट्रे डॉग्स इतने खूंखार क्यों हो रहे हैं?
भारत में स्ट्रे डॉग्स की संख्या पर अलग-अलग रिपोर्ट में अलग-अलग आंकड़े हैं। पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1 करोड़ 60 लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। वहीं, पिछले साल Pet Homelessness Index of India की रिपोर्ट में यह संख्या करीब 6.2 करोड़ बताई गई थी।
पिछले कुछ वर्षों में डॉग बाइट के मामले बढ़े हैं। Pet Homelessness Index of India की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में देश भर में 37 लाख डॉग बाइट के मामले सामने आए थे, जिनमें से ज्यादातर ग्रामीण इलाकों से थे। पिछले साल 54 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर मामले रेबीज के थे।
2022 और 2023 में यह आंकड़ा क्रमशः 22 लाख और 23 लाख के करीब था। इस साल जनवरी में ही यह आंकड़ा 430,000 हो गया था। केंद्र सरकार ने अप्रैल में इसकी जानकारी दी थी। इस साल स्ट्रे डॉग के काटने से 37 लोगों की मौत हुई। पिछले चार सालों की बात करें तो हर साल स्ट्रे डॉग्स के काटने की घटनाएँ 23 लाख के करीब हैं।
इसका मतलब है कि हर दिन औसतन 6369 लोग डॉग बाइट का शिकार बनते हैं। दिल्ली-एनसीआर में करीब 8 लाख स्ट्रे डॉग्स हैं। पिछले साल दिल्ली में 25 हजार से ज्यादा डॉग बाइट के मामले सामने आए थे।
आवारा कुत्तों के खूंखार होने के कई कारण हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और चेन्नई जैसे महानगरों में स्ट्रे डॉग अटैक की शिकायतें बढ़ी हैं। 2020 में कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में इन कुत्तों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी आक्रामकता बढ़ी।
अन्य कारण:
* भोजन की कमी से कुत्ते आक्रामक होते हैं।
* प्रजनन के दौरान कुत्ते अपनी रक्षा के लिए आक्रामक हो सकते हैं।
* बच्चों या अजनबियों द्वारा अनजाने में उकसाने से कुत्ते हमला करते हैं।
* अपने इलाके में अजनबियों या अन्य जानवरों को देखकर कुत्ते आक्रामक हो सकते हैं।
* लोगों द्वारा पत्थर मारना, डंडों से पीटना या डराना, जिससे कुत्तों में डर और आक्रामकता विकसित होती है।
* बीमारियां और चोटें भी कुत्तों को चिड़चिड़ा और खूंखार बनाती हैं।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 20 हजार लोग रेबीज से मरते हैं। इनमें से 95% से अधिक मामले स्ट्रे डॉग्स के काटने से होते हैं। यानी हर रोज 54-55 लोग रेबीज से मर रहे हैं। यह आंकड़ा केवल रेबीज से होने वाली मौतों का है। आवारा कुत्तों के हमलों से गंभीर चोटें आम हैं, लेकिन मौतें रेबीज को छोड़कर अपेक्षाकृत कम हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों को 6-8 हफ्ते के भीतर सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में भेजने का आदेश दिया था। इस आदेश पर देश भर में बहस छिड़ गई। कई याचिकाएं दायर की गईं जिनमें इस आदेश को स्थगित करने की मांग की गई। 14 अगस्त को सुनवाई हुई, लेकिन अदालत ने आदेश को स्थगित करने से इनकार कर दिया और फैसला सुरक्षित रख लिया। 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट इस पर फैसला सुनाएगा।