
पिछले दो सालों में इज़राइली हिरासत में कम से कम 98 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है, और वास्तविक आंकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका है। यह खुलासा इज़रायल स्थित मानवाधिकार समूह ‘फिजिशियन फॉर ह्यूमन राइट्स-इज़राइल (PHRI)’ की एक नई रिपोर्ट से हुआ है, जिसे CNN ने उद्धृत किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, कई फिलिस्तीनी कैदियों की मौत का कारण शारीरिक हिंसा और चिकित्सा उपेक्षा रही है। PHRI ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि युद्ध की शुरुआत के बाद से इज़राइल जेल सेवा की हिरासत में 46 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है। वहीं, कम से कम 52 फिलिस्तीनी, जो सभी गाजा से थे, इज़राइली सैन्य हिरासत में मारे गए हैं।
PHRI ने इस बात पर जोर दिया है कि यह मौत का आंकड़ा संभवतः कम करके आंका गया है, क्योंकि गाजा से हिरासत में लिए गए कई लोगों का कोई हिसाब-किताब नहीं है और उनकी स्थिति अज्ञात बनी हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इज़राइली सेना द्वारा हिरासत में लिए गए सैकड़ों गाजावासियों का आज तक पता नहीं चला है, जो दर्शाता है कि दर्ज आंकड़ों से कहीं ज्यादा मौतें हुई होंगी।
रिपोर्ट का आधार इज़राइली सरकारी रिकॉर्ड, सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त डेटा, फोरेंसिक रिपोर्ट, परिवारों और वकीलों के साथ साक्षात्कार, हिरासत में लिए गए फिलिस्तीनियों के बयान और अन्य मानवाधिकार समूहों से मिली जानकारी है।
युद्ध के शुरुआती दिनों में, इज़राइली अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए फिलिस्तीनियों के बारे में रेड क्रॉस को जानकारी देना बंद कर दिया था और जेलों तक पहुंच रोक दी थी। इज़राइली सेना ने मई 2024 तक की जानकारी सार्वजनिक की थी, जबकि जेल सेवा ने सितंबर 2024 में आंकड़े जारी किए थे। इसके बाद PHRI ने प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और अन्य स्रोतों से अतिरिक्त मौतों का दस्तावेजीकरण किया है।
इस रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर इज़राइल जेल सेवा (IPS) ने कहा है कि वे कानून के अनुसार काम करते हैं और सभी कैदियों के अधिकारों का ध्यान रखा जाता है, जिसमें चिकित्सा देखभाल भी शामिल है। IPS ने कहा कि वे बाहरी संगठनों द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों या आरोपों पर टिप्पणी नहीं करते हैं और प्रस्तुत घटनाओं से वे अवगत नहीं हैं।

