भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया की फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए ब्रोंको टेस्ट शुरू किया है। इस टेस्ट पर टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर रविचंद्रन अश्विन ने सवाल उठाए हैं। अश्विन का कहना है कि अगर इस टेस्ट के दौरान खिलाड़ी चोटिल होते हैं तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? उन्होंने कहा कि इस टेस्ट को पूरा करने के चक्कर में खिलाड़ी चोटिल हो सकते हैं। ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ियों, खासकर तेज गेंदबाजों को 6 मिनट के अंदर एक निर्धारित दौड़ पूरी करनी होती है। इस टेस्ट में एक क्रिकेटर को 20 मीटर शटल दौड़ से शुरुआत करनी होगी, फिर 40 मीटर और 60 मीटर की दौड़ होगी, जिसे मिलाकर एक सेट बनाया जाएगा। एक क्रिकेटर से बिना रुके ऐसे पांच सेट (कुल 1200 मीटर) दौड़ने की उम्मीद की जाती है। यह टेस्ट पहले से मौजूद यो-यो टेस्ट के अतिरिक्त है। अश्विन ने कहा कि जब भी टीम के ट्रेनर बदलते हैं तो टेस्टिंग का तरीका भी बदल जाता है, जिससे खिलाड़ियों को चोट लग सकती है। इंग्लैंड दौरे पर तेज गेंदबाजों की फिटनेस को देखते हुए इस टेस्ट की शुरुआत की गई है।
अश्विन ने ब्रोंको टेस्ट पर उठाए सवाल, खिलाड़ियों की चोट पर जताई चिंता
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