एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 के रोमांचक मुकाबले में भारत ए और पाकिस्तान शाहीन के बीच एक ऐसा पल आया जिसने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी। पाकिस्तान शाहीन ने भले ही आठ विकेट से शानदार जीत दर्ज की हो, लेकिन मैच का असली आकर्षण एक विवादास्पद फील्डिंग का प्रयास रहा, जिसने प्रशंसकों, खिलाड़ियों और कमेंटेटरों को हैरान कर दिया।

**मैच को हिला देने वाला रिले कैच विवाद**
यह ड्रामा तब सामने आया जब मैच के 10वें ओवर की पहली गेंद पर, फॉर्म में चल रहे पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज माज़ सदाकत (जो उस समय 36 गेंदों पर 56 रन बनाकर खेल रहे थे) ने भारतीय गेंदबाज सुयश शर्मा की गेंद को बाउंड्री की ओर खेला। भारत ए के खिलाड़ी नेहल वढेरा ने असाधारण दौड़ लगाते हुए, हवा में उछलकर गेंद को सीमा रेखा के अंदर रखने का अद्भुत प्रयास किया। इसके बाद, उनके साथी खिलाड़ी नमन धीर ने गेंद को लपकने का दावा किया। भारतीय खिलाड़ियों ने इस विकेट का जश्न मनाया, उन्हें लगा कि उन्होंने खतरनाक बल्लेबाज को आउट कर दिया है।
**तीसरे अंपायर का फैसला और नियम की उलझन**
हालांकि, ऑन-फील्ड अंपायरों ने इस फैसले को तीसरे अंपायर, मोर्शेद अली खान के पास भेजा। तीसरे अंपायर ने आश्चर्यजनक रूप से कैच को ‘नॉट आउट’ करार दिया। इसके बाद जो हुआ वह अभूतपूर्व था: गेंद को छह रन या विकेट के बजाय ‘डॉट बॉल’ (बिना रन वाली गेंद) घोषित किया गया। इस फैसले ने क्रिकेट के आधुनिक नियमों पर सवाल खड़े कर दिए और भारत ए के खिलाड़ियों ने इस पर स्पष्ट रूप से विरोध भी जताया।
**एमसीसी के नए नियम ने उलझाया मामला**
यह फैसला जून 2025 में लागू हुए एमसीसी के नए बाउंड्री फील्डिंग नियम (लॉ 19.5.2) पर आधारित था। इस संशोधित नियम के अनुसार, यदि कोई फील्डर हवा में रहते हुए गेंद को बाउंड्री के बाहर छूता है, तो उसे कैच मान्य होने के लिए मैदान के अंदर ही लैंड करना होगा। नेहल वढेरा का गेंद को सीमा रेखा के अंदर वापस फेंकना शानदार था, लेकिन उनका जमीन पर उतरना बाउंड्री के बाहर हुआ, जिसके कारण कैच मान्य नहीं हुआ। इस नियम का उद्देश्य मल्टी-टच रिले कैच के दौरान होने वाली भ्रम की स्थिति को स्पष्ट करना है।
**मैच का परिणाम और भारत की हार**
इस विवाद के बावजूद, पाकिस्तान शाहीन ने मैच पर अपना दबदबा बनाए रखा। माज़ सदाकत, जिन्हें जीवनदान मिला था, ने 47 गेंदों पर 79 रनों की तूफानी पारी खेली और 40 गेंदें शेष रहते अपनी टीम को जीत दिलाई। भारत ए की टीम पहले बल्लेबाजी करते हुए 136 रनों पर सिमट गई थी, जिसमें वैभव सूर्यवंशी ने 28 गेंदों पर 45 रन बनाए थे। एक छोटे लक्ष्य का बचाव करने का दबाव भारतीय गेंदबाजों पर भारी पड़ा, जिससे यह रिले कैच घटना और भी महत्वपूर्ण हो गई।





