भारतीय मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया और मीनाक्षी हुड्डा ने बॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। इस ऐतिहासिक जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी उन्हें बधाई दी। मीनाक्षी हुड्डा ने 48 किलो वर्ग में कजाकिस्तान की नाजिम कजाईबे को हराकर स्वर्ण पदक जीता। मीनाक्षी का वर्ल्ड चैंपियन बनना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। मीनाक्षी के पिता, रामकृष्ण हुड्डा, ऑटो रिक्शा चलाते हैं और वो भी किराए पर। लेकिन, इसके बावजूद उनकी बेटी ने यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। मीनाक्षी की जीत में उनके कोच विजय हुड्डा का बड़ा हाथ रहा, जिन्होंने उन्हें बॉक्सिंग का प्रशिक्षण दिया और 2013 में 8 लड़कियों के समूह को ट्रेनिंग दी। विजय हुड्डा ने खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए गुड़गांव में अपनी नौकरी तक छोड़ दी। वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद मीनाक्षी ने कहा कि उनका सपना देश को ओलंपिक मेडल दिलाना है। उन्होंने बताया कि उन्हें अपने पिता से प्रेरणा मिलती है, जो ऑटो चलाने में सर्वश्रेष्ठ देते हैं, और इसी तरह वह भी अपनी ट्रेनिंग और मैचों में सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करती हैं।
एक ऑटो रिक्शा चालक की बेटी का विश्व चैंपियन बनने की प्रेरक कहानी
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