भारतीय टीम के खिलाड़ियों की फिटनेस के लिए जल्द ही ब्रोंको टेस्ट शुरू होने वाला है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने दावा किया है कि रग्बी स्टाइल का ब्रोंको टेस्ट शुरू करने का फैसला रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों को टीम से बाहर रखने की कोशिश है। 38 साल के रोहित शर्मा 2027 विश्व कप तक खेलना चाहते हैं, लेकिन अगर वह ब्रोंको टेस्ट में फेल हो गए तो उन्हें टीम में जगह मिलना मुश्किल होगा।
मनोज तिवारी ने एक इंटरव्यू में कहा कि ब्रोंको टेस्ट वनडे कप्तान रोहित शर्मा के लिए मुश्किल पैदा कर देगा। उन्होंने कहा, ‘2027 वर्ल्ड कप के प्लान से विराट को बाहर करना मुश्किल होगा, लेकिन मुझे शक है कि रोहित को इस प्लान में शायद ही शामिल किया जाएगा। मेरा मानना है कि ब्रोंको टेस्ट रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों और ऐसे लोगों के लिए है जिन्हें टीम मैनेजमेंट भविष्य में टीम का हिस्सा नहीं बनाना चाहता।’
मनोज तिवारी ने आगे कहा, ‘आप जानते हैं कि ब्रोंको टेस्ट काफी मुश्किल फिटनेस टेस्ट में से एक है। लेकिन सवाल ये है कि इसे अभी क्यों लाया जा रहा है। जब नए हेड कोच को पहली सीरीज से ये जिम्मेदारी मिली थी, तब क्यों इसे लॉन्च नहीं किया गया? ये किसकी सोच है, इसे किसने शुरू किया? रोहित अगर अपनी फिटनेस पर कड़ी मेहनत नहीं करते हैं, तो ये उनके लिए मुश्किल होने वाला है और मुझे लगता है कि ब्रोंको टेस्ट में उन्हें रोक दिया जाएगा।’ ब्रोंको टेस्ट रग्बी में इस्तेमाल होने वाला फिटनेस टेस्ट है, जो यो-यो टेस्ट से ज्यादा मुश्किल है। इसमें 20 मीटर, 40 मीटर और 60 मीटर की कई शटल दौड़ें शामिल होती हैं, जिन्हें खिलाड़ियों को एक तय समय पर पूरा करना होता है। भारतीय टीम के स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच एंड्रयू ली रू ने इसका सुझाव दिया था।