रजत पाटीदार, भले ही टीम इंडिया में वापसी नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन घरेलू क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी का जलवा बरकरार रखे हुए हैं। बल्लेबाजी के साथ-साथ अब तो कप्तानी में भी वो अपनी टीम का दमदार नेतृत्व कर रहे हैं। मध्य प्रदेश को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाने और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु को पहला आईपीएल खिताब जिताने के बाद, पाटीदार की कप्तानी का कमाल दलीप ट्रॉफी में भी देखने को मिला है। इस टूर्नामेंट में पाटीदार की कप्तानी वाली सेंट्रल जोन ने फाइनल में जगह बना ली है, जहां उसका मुकाबला साउथ जोन से होगा।
भारतीय घरेलू क्रिकेट के पहले टूर्नामेंट, दलीप ट्रॉफी के दोनों सेमीफाइनल मुकाबले ड्रॉ रहे। बेंगलुरु में खेले जा रहे टूर्नामेंट में सेंट्रल जोन और नॉर्थ जोन ने क्वार्टर फाइनल में पहली पारी की बढ़त के आधार पर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। सेमीफाइनल में सेंट्रल जोन का सामना वेस्ट जोन से हुआ, जिसने पिछले सीजन में इस टूर्नामेंट का खिताब जीता था। सेंट्रल जोन ने वेस्ट जोन को 438 रनों पर रोकने के बाद अपनी पहली पारी में 600 रन बनाए। टीम के किसी भी बल्लेबाज ने शतक नहीं लगाया, लेकिन 6 बल्लेबाजों ने अर्धशतक जमाए। कप्तान पाटीदार ने 77 रन बनाए, जबकि शुभम शर्मा ने 96 रन बनाए।
इस पारी के दम पर सेंट्रल जोन का फाइनल में पहुंचना तय हो गया था क्योंकि उसने पहली पारी में 162 रन की बढ़त ले ली थी। दूसरी पारी में भी वेस्ट जोन के बल्लेबाज खास प्रदर्शन नहीं कर पाए और मैच ड्रॉ पर खत्म हुआ। सेंट्रल जोन की सफलता के स्टार सारांश जैन रहे, जिन्होंने पहली पारी में 3 और दूसरी में 5 विकेट लिए और नाबाद 63 रन भी बनाए।
वहीं, दूसरे सेमीफाइनल में साउथ जोन ने नॉर्थ जोन को हराकर फाइनल में जगह बनाई। यह मैच भी ड्रॉ पर समाप्त हुआ, लेकिन पहली पारी में 175 रन की बढ़त के साथ साउथ जोन ने फाइनल में प्रवेश किया। साउथ जोन को फाइनल में पहुंचाने में ओपनर नारायण जगदीशन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने पहली पारी में 197 रन बनाए। उनकी इस पारी के दम पर साउथ ने पहली पारी में 536 रन बनाए। गुरजपनीत सिंह और मोहम्मद निधीश की गेंदबाजी के दम पर साउथ ने नॉर्थ को 361 रन पर समेट दिया। जगदीशन ने दूसरी पारी में भी अर्धशतक जमाया।