यह IPL 2020 की बात है, जब कोरोनावायरस महामारी के कारण लीग का आयोजन यूएई में किया जा रहा था। उसी समय, ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए भारतीय टीम की घोषणा की गई थी, लेकिन टी20 श्रृंखला के लिए एक खिलाड़ी का चयन न होना काफी विवाद का कारण बना था। मेनस्ट्रीम मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक इस पर काफी बहस और चयन समिति की आलोचना हुई थी। 5 साल बाद, उसी खिलाड़ी को यूएई की उसी धरती पर टीम इंडिया की कप्तानी करने का मौका मिला। टी20 क्रिकेट के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में शामिल सूर्यकुमार यादव की कहानी ही ऐसे संयोग से भरी है, जो अपने जन्मदिन पर पहली बार सबसे बड़े मुकाबले में कप्तानी करते नजर आएंगे।
रविवार, 14 सितंबर को दुबई में भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का मुकाबला खेला जाएगा। पहली बार किसी टूर्नामेंट में भारतीय टीम की कप्तानी कर रहे सूर्यकुमार यादव को अपने 35वें जन्मदिन पर इतने हाई-वोल्टेज मैच में नेतृत्व करने का मौका मिला है। लेकिन सूर्या का क्रिकेटर करियर ऐसे कई नाटकीय संयोगों से भरा है। 2020 में जब उनका चयन नहीं हुआ था, तब भी ऐसा ही कुछ हुआ था। टीम की घोषणा के एक दिन बाद ही मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु का मुकाबला हुआ था और सूर्या ने अकेले दम पर उस समय RCB के कप्तान रहे विराट कोहली के सामने अपनी टीम को जिताया था। विराट ही तब टीम इंडिया के भी कप्तान थे।
क्रिकेट जगत में ‘SKY’ के नाम से मशहूर सूर्या की इत्तेफाकों से भरी कहानी में एक संयोग गौतम गंभीर से भी जुड़ा है। गौतम गंभीर ही थे, जिन्होंने IPL में कोलकाता नाइट राइडर्स का कप्तान रहते हुए सूर्या को ‘SKY’ नाम दिया था। भले ही यह फैंसी नाम आज इस स्टार बल्लेबाज की पहचान है, लेकिन उन्हें यह पहचान गंभीर ने ही दिलाई, सिर्फ नाम से ही नहीं बल्कि खेल से भी। गंभीर की कप्तानी में ही सूर्या ने KKR के लिए खेलते हुए अपनी विस्फोटक और ‘360 डिग्री’ बैटिंग से सबका ध्यान खींचा था। यह भी संयोग ही है कि आज वही गंभीर टीम इंडिया के हेड कोच हैं और उन्होंने टीम इंडिया की जिम्मेदारी संभालते हुए सबसे पहले टी20 फॉर्मेट की कमान सूर्या को ही सौंपी।
वैसे इसके बावजूद गंभीर को अपने करियर में एक ऐसा अफ़सोस है, जो सूर्यकुमार यादव से ही जुड़ा है। गंभीर ने सूर्या को एक तय जगह न दे पाने को अपने IPL करियर की सबसे बड़ी नाकामी बताया था। गंभीर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि KKR की प्लेइंग 11 में सूर्या के लिए सही बैटिंग पोजीशन और उनकी असली काबिलियत को नहीं ढूंढ पाना ही बतौर कप्तान उनके लिए सबसे बड़ा अफ़सोस रहा। गंभीर ने कहा था कि 7 साल की कप्तानी में उनकी सबसे बड़ी नाकामी यही रही। गंभीर की कप्तानी में KKR में चमक बिखेरने वाले सूर्या इस फ्रेंचाइजी को छोड़कर मुंबई इंडियंस चले गए थे, जहां उनकी पहचान पहले से ज्यादा हुई।
सूर्यकुमार यादव ने जैसा प्रदर्शन IPL से लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट तक किया है, वह गंभीर के अफ़सोस को सही साबित करता है। KKR के लिए 4 सीजन खेलते हुए सूर्या ने 54 मैच में करीब 700 रन बनाए। लेकिन जैसे ही 2018 में उनकी मुंबई इंडियंस में एंट्री हुई, इस बल्लेबाज ने पहले सीजन में ही 500 से ज्यादा रन बना दिए। तब से ही वह जसप्रीत बुमराह के साथ इस फ्रेंचाइजी के सबसे अहम खिलाड़ी बन गए। लेकिन सिर्फ मुंबई ही नहीं, बल्कि 2021 में टीम इंडिया में अपना डेब्यू करने के बाद से ही सूर्यकुमार टी20 फॉर्मेट में सबसे अहम खिलाड़ी बन गए। अपने करीब साढ़े 4 साल के करियर में उन्होंने 84 टी20 इंटरनेशनल में 38 की औसत और 167 के जबरदस्त स्ट्राइक रेट से 2605 रन बनाए हैं। वह 4 शतक भी टीम इंडिया के लिए लगा चुके हैं। वह लंबे समय तक नंबर-1 रैंक बल्लेबाज भी रह चुके हैं और अब टीम इंडिया के कप्तान हैं।