ढाका: बांग्लादेश क्रिकेट के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अनुभवी विकेटकीपर-बल्लेबाज मुश्फिकुर रहीम ने आयरलैंड के खिलाफ दूसरे और अंतिम टेस्ट में खेलते हुए अपने टेस्ट करियर का 100वां मैच पूरा कर लिया है। इस मुकाम को हासिल करने वाले वह बांग्लादेश के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। यह उपलब्धि रहीम की क्रिकेट के प्रति अटूट निष्ठा और लंबे सफर का प्रमाण है।

ढाका के शेरे बांग्ला नेशनल स्टेडियम में बुधवार, 19 नवंबर को टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी बांग्लादेश टीम के लिए यह मैच बेहद खास था। मुश्फिकुर रहीम ने 2005 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी और तब से वे बांग्लादेश की टेस्ट टीम के एक अभिन्न अंग रहे हैं। कम टेस्ट मैच खेलने वाले एशियाई देशों के लिहाज से, 38 साल के रहीम का इतने लंबे समय तक टेस्ट क्रिकेट खेलना उनकी फिटनेस, अनुशासन और जुनून को दर्शाता है।
बांग्लादेश की ओर से टेस्ट मैचों में सर्वाधिक उपस्थिति का रिकॉर्ड अब मुश्फिकुर रहीम के नाम है। उनसे पीछे मोमिनुल हक (75 मैच), शाकिब अल हसन (71 मैच) और तमीम इकबाल (70 मैच) हैं।
इस ऐतिहासिक अवसर पर, मुश्फिकुर रहीम को विशेष सम्मान दिया गया। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के अध्यक्ष और बांग्लादेश के पहले टेस्ट शतकवीर, एमडी. अमीनुल इस्लाम, पूर्व कप्तान हबीबुल बशर, अकरम खान (बांग्लादेश के पहले टेस्ट खिलाड़ी) और नाज़मुल आबेदीन ने रहीम को एक विशेष ‘100वीं टेस्ट कैप’ और प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इस भावुक क्षण के गवाह रहीम के परिवार के सदस्य भी बने।
रहीम के साथ लंबे समय तक खेले पूर्व कप्तान हबीबुल बशर ने उनकी इस उपलब्धि का श्रेय उनके जुनून को दिया। उन्होंने कहा, “मुझे याद है जब मैंने उनसे कुमार संगकारा के टेस्ट में विकेटकीपिंग छोड़ने के बारे में बात की थी। शुरुआत में वह सहज नहीं थे, लेकिन बाद में उन्होंने खुद को ढाला। वह टॉप चार या पांच में बल्लेबाजी कर सकते थे। अंततः यह सब उनके जुनून के कारण ही संभव हुआ है।”
वहीं, उनके वर्तमान साथी और बांग्लादेश के लिए दूसरे सबसे ज्यादा टेस्ट मैच खेलने वाले मोमिनुल हक ने रहीम की सफलता का राज उनके अनुशासित जीवनशैली को बताया। मोमिनुल ने कहा, “मुझे लगता है कि उनसे सबसे बड़ा सबक उनकी जीवनशैली है। आपमें कौशल हो सकता है, लेकिन आप तभी तक उसका उपयोग कर सकते हैं जब तक आपकी जीवनशैली अनुशासित हो। मैंने उन्हें कभी भी जरूरत से ज्यादा खाते नहीं देखा। जो लोग लंबे समय तक बांग्लादेश के लिए खेलना चाहते हैं, उन्हें उनसे सीखना चाहिए।”
मैच की बात करें तो, बांग्लादेश ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। आयरिश गेंदबाजों ने पहले सत्र में कसा हुआ प्रदर्शन करते हुए मेजबान टीम को 100 रन के भीतर तीन विकेट गिरा दिए।





