जिसके मन में तालिबान का डर समाया था, जो तालिबानी फरमान के कारण बचपन में सूर्यास्त से पहले ही क्रिकेट खेलना बंद कर देता था, उसने एशिया कप 2025 के पहले ही मैच में न केवल शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि अपनी टीम को जीत भी दिलाई। हम बात कर रहे हैं अज़मतुल्लाह ओमरज़ई की, जिन्होंने हांगकांग के खिलाफ अफगानिस्तान की जीत में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मैच में बल्ले और गेंद दोनों से उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए, उन्होंने साबित किया कि वह अपनी टीम के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर क्यों हैं।
अज़मतुल्लाह ओमरज़ई ने हांगकांग के खिलाफ पहले बल्लेबाजी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। फिर टीम के लिए गेंद से भी वही काम किया। इसी का नतीजा रहा कि वह हांगकांग के खिलाफ मिली जीत में अपनी टीम के हीरो बने।
अज़मतुल्लाह ओमरज़ई जब बल्लेबाजी करने उतरे, तो उनकी टीम मुश्किल में थी। उसके शुरुआती 4 विकेट 100 रन के अंदर गिर गए थे। ऐसे में, ओमरज़ई ने समझदारी दिखाते हुए अपनी बल्लेबाजी को अंजाम दिया। उन्होंने पहले विकेट पर टिके रहे, फिर अपनी पारी को गति दी और ऐसा करते हुए केवल 21 गेंदों में 53 रन बनाए। 252 से अधिक की स्ट्राइक रेट से 5 छक्कों से सजी इस पारी के दौरान, ओमरज़ई ने सेदिकुल्लाह के साथ मिलकर 5वें विकेट के लिए टीम के स्कोर बोर्ड में 82 रन जोड़े।
बल्लेबाजी के बाद, ओमरज़ई गेंद से भी हांगकांग पर हावी रहे। अफगानिस्तान ने हांगकांग के सामने 189 रन का लक्ष्य रखा था, जिसका पीछा करते हुए वह 9 विकेट पर केवल 94 रन ही बना सका। हांगकांग की इस हालत के पीछे एक बड़ी वजह अज़मतुल्लाह ओमरज़ई भी रहे थे, जिन्होंने गेंद से न केवल 1 विकेट लिया, बल्कि 2 ओवर में 9 गेंदें डॉट फेंकते हुए केवल 4 रन दिए।