
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 0-2 से मिली शर्मनाक हार के बाद टीम इंडिया के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय बल्लेबाजों की तकनीक पर तीखे सवाल उठाए हैं। अश्विन ने टीम के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा लगा मानो खिलाड़ियों में कोईFight ही नहीं थी।
नई दिल्ली: हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ संपन्न हुई टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया को 0-2 से करारी हार का सामना करना पड़ा। दोनों टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, जिसके चलते क्रिकेट जगत में फैंस और विशेषज्ञों द्वारा कड़ी आलोचना की जा रही है। इस पूरी सीरीज में किसी भी भारतीय बल्लेबाज के बल्ले से एक भी शतक नहीं निकला, जो टीम की बल्लेबाजी की कमजोरी को उजागर करता है।
इस मुद्दे पर बात करते हुए, अनुभवी ऑफ-स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने युवा बल्लेबाज साई सुदर्शन की तकनीक पर विशेष रूप से टिप्पणी की। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में कहा, “जब कुछ गलत होता है तो हमेशा एक बलि का बकरा ढूंढ लिया जाता है। लेकिन यह एक स्वस्थ टीम माहौल नहीं है। अगर मुझे पता है कि मेरी जगह पर सवाल उठ रहे हैं, तो मुझे लड़कर अपनी जगह साबित करनी होगी। मुझे लगा कि कोई Fight नहीं थी।” उन्होंने साई सुदर्शन के आउट होने के तरीके का उदाहरण देते हुए कहा, “जब सेनुुरन मुथुसामी गेंदबाजी कर रहे थे, साई सुदर्शन ने किसी भी फुल टॉस या शॉर्ट बॉल को बाउंड्री के पार नहीं भेजा। उन्होंने इन-लाइन खेला और फर्स्ट स्लिप पर कैच आउट हुए। डिफेंस में कोई इरादा (intent) नहीं था। यह या तो तकनीकी या सामरिक गलती थी।”
अश्विन ने आगे बताया कि भारतीय टीम का टेस्ट फॉर्मेट में प्रदर्शन कैसे सुधारा जा सकता है। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में टर्निंग पिचों पर अधिक मैच खेलने की वकालत की, ताकि खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्पिन का सामना करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें। उन्होंने कहा, “फर्स्ट-क्लास क्रिकेट को बेहतर बनाने की जरूरत है, टर्निंग पिचों पर खेलना शुरू करें और स्पिन के खिलाफ डिफेंस को मजबूत बनाएं। स्पिन और फास्ट-बॉलिंग के लिए एक मजबूत बेंच स्ट्रेंथ तैयार करने की आवश्यकता है। आईपीएल के प्रदर्शन को तो ध्यान में रखा जाता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट के लिए विशेष प्रदर्शनों पर भी विचार किया जाना चाहिए।”






