ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज जीतते ही भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने एशिया कप ट्रॉफी विवाद पर एक मजेदार टिप्पणी की है। ब्रिस्बेन में 8 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज का अंतिम मैच बारिश की भेंट चढ़ गया, लेकिन इससे पहले ही भारत ने सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। इस जीत के साथ ही भारत का ऑस्ट्रेलिया में टी20 सीरीज में अजेय रहने का सिलसिला 13 साल पुराना हो गया। सीरीज जीतने के बाद पोस्ट-मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब सूर्यकुमार से पूछा गया कि ट्रॉफी उठाने में कैसा महसूस हो रहा है, तो उन्होंने एशिया कप की उस घटना का जिक्र किया, जहां भारतीय टीम टूर्नामेंट जीतने के बावजूद ट्रॉफी को फिजिकली प्राप्त नहीं कर पाई थी।
सूर्या ने कहा, “ट्रॉफी को आखिरकार छूने का एहसास बहुत बढ़िया है। जब मुझे सीरीज जीतने की ट्रॉफी सौंपी गई, तो मैंने इसे अपने हाथों में महसूस किया। कुछ दिन पहले एक और ट्रॉफी भारत आई है, हमारी महिला टीम ने विश्व कप जीता है। वह ट्रॉफी भी घर आ गई है। यह एहसास बहुत अच्छा है और इस ट्रॉफी को छूना भी अच्छा लगता है।”
सूर्यकुमार की यह टिप्पणी पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड के प्रमुख मोहसिन नकवी पर एक हल्के-फुल्के अंदाज में कटाक्ष मानी जा रही है। नकवी ने भारत के एशिया कप खिताब जीतने के बाद ट्रॉफी नहीं सौंपी थी। इसी वजह से ट्रॉफी दुबई में एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) मुख्यालय में ही रह गई है।
बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने पुष्टि की है कि दुबई में बीसीसीआई और पीसीबी के बीच हुई बैठक के बाद इस मामले पर सकारात्मक बातचीत हुई है। यह विवाद शुरू होने के बाद पहली सीधी बातचीत थी। सैकिया ने बताया कि एशिया कप का मुद्दा आईसीसी बैठक के एजेंडे में आधिकारिक तौर पर शामिल नहीं था, लेकिन आईसीसी ने अनौपचारिक चर्चा में मदद की। उन्होंने कहा, “यह बातचीत शुरू करने की प्रक्रिया वास्तव में अच्छी थी। दोनों पक्ष बैठक में सौहार्दपूर्ण ढंग से शामिल हुए, जो आईसीसी बोर्ड की बैठक के इतर हुई थी। निश्चित रूप से, आने वाले समय में, अगर चीजें सकारात्मक रूप से आगे बढ़ती हैं, तो इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझा लिया जाएगा।”
हालांकि, एशिया कप की ट्रॉफी अभी भी ACC कार्यालय, दुबई में ही है, क्योंकि मोहसिन नकवी ने कथित तौर पर कर्मचारियों को सीधे उनकी अनुमति के बिना इसे स्थानांतरित नहीं करने का निर्देश दिया था। उन्होंने पहले जोर दिया था कि भारतीय खिलाड़ियों को ट्रॉफी उनसे लेनी चाहिए, जिसे सूर्यकुमार और भारतीय टीम ने स्वीकार नहीं किया था।




