भारतीय टीम के तेज गेंदबाज अब जिम की बजाय मैदान में दौड़ते हुए दिखेंगे. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने तेज गेंदबाजों की फिटनेस पर ध्यान देते हुए यह फैसला लिया है. अब इन खिलाड़ियों को ब्रोंको टेस्ट से गुजरना होगा. इस टेस्ट को पास करने के बाद ही तेज गेंदबाजों को टीम में जगह मिलेगी. इंग्लैंड दौरे पर तेज गेंदबाजों के चोटिल होने के बाद बीसीसीआई ने यह फैसला लिया है. ब्रोंको टेस्ट पास करने के लिए खिलाड़ियों को 6 मिनट के अंदर निर्धारित दौड़ पूरी करनी होगी.
बीसीसीआई ने तेज गेंदबाजों की फिटनेस को बेहतर बनाने के लिए ब्रोंको टेस्ट शुरू किया है, ताकि वे जिम में समय बिताने के बजाय मैदान में दौड़ सकें. रिपोर्ट्स के अनुसार, इंग्लैंड दौरे के बाद बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सिलेंस (सीओई) में ब्रोंको टेस्ट की शुरुआत की गई है. ब्रोंको टेस्ट में एक खिलाड़ी को 20 मीटर शटल दौड़ से शुरुआत करनी होगी. इसके बाद 40 मीटर और 60 मीटर की दौड़ होगी। इन सबको मिलाकर एक सेट बनाया जाएगा.
एक खिलाड़ी से बिना रुके ऐसे पांच सेट (कुल 1200 मीटर) की उम्मीद की जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेटरों को ब्रोंको टेस्ट 6 मिनट के अंदर पूरा करने के लिए कहा गया है. इससे पहले 2 किलोमीटर के टाइम ट्रायल में तेज गेंदबाजों के लिए मानक 8 मिनट 15 सेकंड था, जबकि बल्लेबाजों, विकेटकीपर और स्पिनर्स के लिए यह 8 मिनट 30 सेकंड था. इंग्लैंड दौरे पर मोहम्मद सिराज को छोड़कर सभी तेज गेंदबाज अपनी फिटनेस को लेकर परेशान रहे.
ब्रोंको टेस्ट का सुझाव स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रॉक्स ने दिया था. हेड कोच गौतम गंभीर ने इस पर सहमति जताई थी. ले रॉक्स चाहते हैं कि तेज गेंदबाज जिम पर ज्यादा ध्यान देने के बजाय ज्यादा से ज्यादा दौड़ लगाएं, क्योंकि ज्यादातर खिलाड़ी दौड़ने के बजाय जिम में अधिक समय बिता रहे थे. इंग्लैंड दौरे पर तेज गेंदबाज आकाश दीप और प्रसिद्ध कृष्णा सहित कई गेंदबाजों को बॉलिंग करने में दिक्कत हो रही थी. जसप्रीत बुमराह केवल तीन टेस्ट मैच ही खेल पाए. केवल मोहम्मद सिराज ही पांचों टेस्ट मैच खेलने में सफल रहे थे. इसी को देखते हुए ब्रोंको टेस्ट की शुरुआत हुई है. यह टेस्ट पहले से मौजूद यो-यो टेस्ट के अतिरिक्त है. कुछ खिलाड़ी बेंगलुरु स्थित सीओई में ब्रोंको टेस्ट दे चुके हैं।