पर प्रकाश डाला गया
- बिलासपुर में बुधवार रात से गुरुवार दो बजे तक तूफानी बारिश हुई।
- ओखरा नाला डूबा, मोटापा कम होने का इंतजार करते रहे लोग।
- बारिश की तेज़ लहर ने शंघाई जल स्तर, राहत कार्य जारी किया।
नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। सिद्धांत ने कहा-जाते बिलासपुर और जीएम क्षेत्र में बुधवार रात से गुरुवार तक शहर और आसपास के इलाकों में तेज बारिश हुई, जिसके कारण अरपा नदी का पानी शामिल और तक पहुंच गया।
पेंड्रा-बिलासपुर मार्ग पर ओखरा नाला में पानी की मांग से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। लोग न तो कहीं आ पा रहे थे और न ही कहीं जा पा रहे थे। बिश्नोई यात्री रथ जल स्तर कम होने का इंतजार कर रहे हैं। जाम की स्थिति इतनी गंभीर थी कि सोसायटी का पीछे लौटना भी मुश्किल हो गया था। भारी बारिश के बाद स्थिति और गंभीर हो गई।
सुबह से लेकर शाम तक लोग सड़क पर ही डेट कर रहे हैं। शाम पांच बजे के बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने लगी। आपदा के खतरों को देखते हुए जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम पूरे समय मौजूद रही, जबकि केंदा रोड पर यातायात विभाग की टीम भी व्यवस्था बनाने में जुटी रही। अच्छी बात यह है कि इस दौरान किसी प्रकार की कोई अनोखी घटना नहीं हुई। जिले में एक रात 5.7 इंच यानि 144.8 बारिश दर्ज की गई।
डिज़ाइन किए गए बच्चों के आउटपुट के खिलाड़ी
भारी बारिश और बारिश की स्थिति के बीच खोदरी करियाम के बीच बच्चे का रपटा और पुल के ऊपर बहते पानी से स्कूल जाना। जैसे ही इसकी जानकारी प्रशासन पर अचानक रोक लगा दी गई। इसी तरह दूसरे गांव में भी दोस्त पानी के बीच मस्ती के मूड में नजर आए। जिन्होंने भी इन्हें देखा है, उन्हें बताया गया है।
सड़क खराब पर किसी को चिंता नहीं बिलासपुर
पेंड्रारोड-केंदा मार्ग का भुगतान हो चुका है। खराब और खस्ताहाल स्थिति पर किसी भी स्मारक या प्रशासन को चिंता नहीं है। यह सड़क पर जड़ी बूटी से बना हुआ है। अधिकारी इसे ठीकरा लोक निर्माण विभाग पर फोड़ते हैं। इसका उत्तर कब तक आपके पास नहीं होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क की पटरी की मांग काफी समय से चल रही है लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।
आज से बदलेगा मौसम, छटेंगे बादल
मौसम विज्ञानी डी.एच.पी. चन्द्रा का कहना है कि, एक ऊपरी हवा का चक्रीय समुद्री परिसंचरण उत्तर मध्य महाराष्ट्र और उसके आसपास स्थित है। एक द्रोणिका उत्तर मध्य महाराष्ट्र से छत्तीसगढ़ होते हुए गंगा तट पश्चिम बंगाल तक पहुंची है। जिसका प्रभाव प्रदेश में 27 सितंबर को कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश या चमक के साथ चिंता का अनुमान है। एक दो स्थानों पर गार्गर-चमक के साथ वज्रपात भी खतरनाक है। बिलासपुर में दो दिन बाद मौसम बदला जा सकता है। क्लाउड चंटने विध्वंस।
प्रमुख होटलों का तापमान
शहर अधिकतम न्यूनतम
बिलासपुर 27.4 26.6
पेंड्रारोड 26.6 21.8
अम्बिकापुर 25.5 23.1
सीज़नवाणी
- 27 सितंबर से फेबेकी बेकार होने लगेगी।
- अक्टूबर के पहले सप्ताह में हल्की बारिश हो सकती है।
- जिले से डिवाइन की विदाई 10 अक्टूबर तक है।
- बिलासपुर में अब ज्यादा बारिश की संभावना नहीं।
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