संवाददाता, देवघर : जसीडीह स्टेशन पर जल संरक्षण को लेकर पूर्व रेलवे के आसनसोल डिवीजन ने बड़ी पहल करते हुए करीब 25 लाख रुपये की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया था. उद्देश्य था स्टेशन और रेलवे कॉलोनी से निकलने वाले पानी का ट्रीटमेंट कर उसे दोबारा तालाब में इस्तेमाल करना, लेकिन पांच साल से प्लांट चालू ही नहीं हो सका. नतीजा, हर दिन लाखों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है. दूसरी ओर तालाब का पानी भी पूरी तरह से गंदा और बर्बाद हो गया है.
दरअसल, जसीडीह स्टेशन परिसर में रेलवे आरपीएफ कार्यालय के पीछे तालाब के समीप रेलवे की और से 15 गुना 20 स्क्वायर मीटर में वाटर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट करीब 25 लाख की लागत से बनाया गया. निर्माण कार्य पूरा होने के करीब पांच साल के अधिक समय बीत गया है. बावजूद इसे आजतक चालू नहीं किया जा सका. विभागीय अनदेखी के कारण यह प्लांट धूल फांक रहा है. और रेलवे क्वार्टरों व रेलवे स्टेशन से निकलने वाले पानी को बर्बाद हो रहे हैं, साथ ही साथ तालाब का पानी भी पुरी तरह से गंदा और बर्बाद हो गया.
प्रतिदिन साढ़े चार लाख लीटर पानी का होता ट्रीटमेंट
सीवरेज प्लांट चालू हो जाये से प्रतिदिन करीब साढ़े चार लाख लीटर पानी का ट्रीटमेंट किया जाता है, जिसके ट्रीटमेंट के बाद उस पानी को रेलवे के तालाब में डाला जाता. इसमें रेलवे स्टेशन व क्वार्टर से निकलने वाला पानी तथा नाला का पानी बह कर बर्बाद होने से रोकने तथा जलस्तर को बनाये रखने के लिए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया गया था. इसके अलावा स्टेशन के समीप बने वर्षों पुराने तालाब की सफाई नहीं होने से तालाब का पानी काफी गंदा हो चुका है. इस तालाब के पानी की सफाई कर उपयोग में लाने को लेकर प्लांट लगाया था. लेकिन चालू नहीं हो सका.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
वाटर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चालू अवस्था में है, हालांकि उपयोग नहीं हो रहा है. इसे हेल्थ इंस्पेक्टर को हेंडओवर करने की प्रक्रिया की जा रही है. इसके बाद इसे संचालित किया जायेगा.
रामायण सिंह, आइओडब्लू पदाधिकारी
हाइलाइट्स
जसीडीह स्टेशन परिसर में बनाया गया है वाटर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
25 लाख में किया गया था प्लांट का निर्माण
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