Chadak Puja Violent Clash Verdict: चांडिल (सरायकेला-खरसावां), हिमांशु गोप-नीमडीह थाना क्षेत्र के बामनी में चड़क पूजा के दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प मामले में चार साल बाद आजसू नेता हरेलाल महतो समेत नौ आरोपियों को न्यायालय ने बरी कर दिया है. इस मामले में अनुमंडलीय न्यायालय में 17 मई 2025 को अंतिम बहस हुई थी. एडीजे सचिंद्रनाथ सिन्हा की अदालत ने मंगलवार को सभी आरोपियों को बरी कर दिया.
हरेलाल महतो समेत नौ आरोपी बरी
आजसू नेता हरेलाल महतो एवं अन्य आरोपियों की ओर से झारखंड उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता आरएसपी सिन्हा ने मामले की सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा था. इसके बाद 20 मई को एडीजे सचिंद्रनाथ सिन्हा की अदालत ने अंतिम फैसला देते हुए आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो समेत नौ आरोपियों को बरी कर दिया.
बामनी गांव में 23 अप्रैल 2021 को हुई थी घटना
बामनी गांव में 23 अप्रैल 2021 को चड़क पूजा का आयोजन किया गया था. उस समय कोरोना का प्रकोप चल रहा था तथा लॉकडाउन लगा हुआ था. ग्रामीण अपनी परंपरा का निर्वहन करते हुए भोक्ता टांगान कर रहे थे. उसी दौरान नीमडीह पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया था. उसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई थी.
41 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर
नीमडीह के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी मुकेश कुमार की लिखित शिकायत पर नीमडीह पुलिस ने आजसू नेता हरेलाल महतो समेत 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी थी. उनमें से हरेलाल महतो समेत 10 ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. इनमें एक नाबालिग भी था. हरेलाल महतो पर आरोप था कि उनके कहने पर ग्रामीणों ने तत्कालीन थाना प्रभारी अली अकबर खान समेत पुलिस बल पर जानलेवा हमला किया था. शिकायत में दिव्यांग, मृतक और नाबालिग को पुलिस से मारपीट करने का आरोपी बनाया गया था.
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